UP Election : बलिया में क्या गुल खिलायेगी 'उनकी' निराशा, बगावत और चुप्पी




बलिया। कर्म फल तब तक साथ नहीं देता है, जब तक भाग्य का साथ न मिल जाय। यह नीति वचन विधान सभा चुनाव की तैयारी में काफी दिनों से जुटे उन प्रबल दावेदारों पर अक्षरशः सच साबित हुई है, जो रात दिन जी-तोड़ मेहनत कर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई थी। उन्हें आस थी कि पार्टी उनपर भरोसा जतायेगी, लेकिन उनके कर्म फल पर 'भाग्य' हॉवी हो गया। नतीजतन अपने पक्ष में चुनावी फिजां बनाने वाले कुछ दावेदार निराश है तो कुछ बगावत पर उतर आये है। वहीं, कुछ अंदर ही अंदर 'साधने' की फिराक में है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 'उनकी' निराशा, बगावत और चुप्पी क्या गुल खिलाती है।
गौरतलब हो कि बलिया में सात विधान सभा क्षेत्र है। 2017 में पांच पर भाजपा ने विजय पताका फहराया था। वहीं सपा और बसपा एक-एक सीट जीतीं थी। इसके बाद तैयारी शुरू हुई विधान सभा चुनाव 2022 की। इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों से टिकट का दावा करने वाले दावेदारों की फेहरिस्त काफी लम्बी हो गयी। यही नहीं, लगभग सभी दावेदार अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में सम्बंधित पार्टी की नीतियों का प्रचार-प्रसार कर 'जनाधार' जुटाने की कोशिश में जुटे रहे, लेकिन ऐन वक्त पर 'पाशा' पलट गया। शीर्ष नेतृत्व ने भाग्य का आईना दिखाते हुए बहुतों को अवसर से ओझल कर दिया है। कुछ जगह तो ऐसे नेताओ को उम्मीदवार बनाया है, जिनका विधानसभा क्षेत्र से जमीनी रिश्ता नहीं है। वहीं, मतदाताओं को रिझाने के लिए कम समय की चुनौती है। ऐसे में चुनावी संग्राम का परिणाम क्या होगा ? किसके सिर जीत का सेहरा सजेगा ? इन सवालों में राजनीतिक विश्लेषक भी अभी उलझे है, क्योंकि चुनावी फिजां रोज बदल रही है।

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