बलिया : संत शिरोमणि राम बालक दास बाबा ब्रह्मलीन, दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

बलिया : संत शिरोमणि राम बालक दास बाबा ब्रह्मलीन, दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़


बैरिया, बलिया। बलिया की धरती संतों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम से जानी जाती है। खासकर द्वाबा की धरती जहां खपड़िया बाबा, नरहरि बाबा, महाराज बाबा सुदिष्ट बाबा जैसे महान संतों ने जन्म लिया। बलिया मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन के समीप बरसों से निवास करने वाले महान संत राम बालक बाबा रविवार को ब्रह्मलीन हो गये। उनकी समाधि सोमवार को सुबह 10 बजे उनके हजारों भक्तों की उपस्थिति में सुरेमनपुर स्थित आश्रम पर दी जाएगी।
पुराना सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन स्थित आश्रम प्रमोद वाटिका में श्री श्री 1008 श्री संत शिरोमणि राम बालक दास 101 वर्ष के थे। 32 वर्षों से उक्त आश्रम में श्री सीताराम अखंड सकीर्तन व भंडारा के आयोजक बाबा राम बालक दास संत शिरोमणि सियाराम दास जी के शिष्य थे। इनका मुख्य आश्रम चित्रकूट में है। गुजरात, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में भी बाबा का आश्रम स्थापित है, जहां इनके शिष्य अध्यात्म का अलख जगाते हैं। मूल रूप से बिहार के सारण जनपद में जन्मे रामबालक दासजी आठ वर्ष की आयु में कक्षा तीसरी की शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही गृह त्याग कर सन्यास धारण कर लिए थे। बलिया के बड़काखेत, बलुआ चांदपुर, चितबड़ागांव, बिहार के डुमरी, गोलापनगर सरयू तट सहित विभिन्न स्थानों पर सैकड़ों यज्ञ व अन्य आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर लोक कल्याण के लिए बाबा हमेशा प्रयासरत रहे। ब्रह्मलीन बाबा के मुख्य शिष्य ईश्वरदास मौनी बाबा, भरतदासजी, सुगापति दासजी, बलराम दासजी, रामाशंकर दासजी, लक्ष्मण दासजी, सुभाष दासजी, रामप्रवेश दासजी व हरेराम दासजी आदि ने बताया के सोमवार को प्रमोद वाटिका में ही समाधि दी जाएगी। उनके निधन की सूचना पर सैकड़ों अनुवायी प्रमोद वाटिका में एकत्र हो रहे हैं, जिन्हें कोरोना प्रोटोकाल का हवाला देकर बाबा के अनुवायी दूर से ही दर्शन करके वापस लौट जाने का अग्रह कर रहे हैं। बाबा के ब्रम्हलीन होने की सूचना पर कोटवां प्रधान प्रतिनिधि रौशन गुप्ता, सुनील गुप्ता, उमेश गुप्ता, सुभाष यादव, प्रदीप सिंह, गोपालनगर के पूर्व प्रधान प्रदीप यादव, विनोद यादव आदि सैकड़ो लोग दर्शन के लिए पहुंचेे थे। 

शिवदयाल पांडेय 'मनन'

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