एक्शन मोड में बलिया प्रशासन : 52 पीड़ितों को मिली जमीन, लेकिन...

एक्शन मोड में बलिया प्रशासन : 52 पीड़ितों को मिली जमीन, लेकिन...

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शिवदयाल पांडेय मनन
बैरिया, बलिया। खाना बदोस की तरह राष्ट्रीय राज मार्ग 31 पर शरण लिए कटान पीड़ितों को बसाने के लिए अपर सचिव राजस्व के हस्तक्षेप के बाद बैरिया तहसील प्रशासन ने दुबे छपरा के निकट मौजा दयाछपरा में 52 कटान पीड़ित परिवारों को आनन-फानन में गुरुवार की रात आवासीय भूमि का पट्टा आवंटित कर दिया। वहीं, शुक्रवार को भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी आत्रेय मिश्र ने कटान पीड़ितों को आवंटित पट्टे की भूमि पर कब्जा दिलवाया। कब्जा दिलवाने के समय क्षेत्राधिकारी बैरिया उस्मान, नायब तहसीलदार अजय सिंह, तहसील में तैनात सभी कानूनगो और लेखपालो के अलावा एसएचओ बैरिया, एसएचओ रेवती, एसो हल्दी, एसो दोकटी सहित सर्किल के सभी थानों की फोर्स व पीएसी के जवान मौजूद रहे। इस दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो, इसलिए दयाछपरा गांव में भी पुलिस फोर्स की तैनाती उप जिलाधिकारी के आदेश पर किया गया था।


उल्लेखनीय है कि सन् 2017 में कटान से बेघर हुए लोगों को बसाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 सितंबर सन् 2017 को दया छपरा में घोषणा किया था कि कटान पीड़ितों को एक सप्ताह के भीतर भूमि उपलब्ध कराकर उन्हें बसाया जाएगा। इस बाबत तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत व इंद्र विक्रम सिंह ने भी तहसील प्रशासन को पत्र लिखकर कटान पीड़ितों को बसाने का निर्देश दिया था, किंतु किन्ही कारणों से इन कटान पीड़ितों को नहीं बसाया जा सका था। पिछले वर्ष 29 कटान पीड़ितों को अचलगढ़ के मानसिंह छपरा में आवासीय पट्टा उपलब्ध कराया गया था। उस पट्टे की जमीन को अनुचित बताते हुए कटान पीड़ितों ने वहां जाने से इंकार कर दिया था। 

29 कटान पीड़ितों को छोड़कर अन्य कटान पीड़ितों को तत्काल बसाने के लिए अपर प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन राजस्व सुरेश चंद्रा ने मातहतों को निर्देशित किया था कि तत्काल कटान पीड़ितों को बसाकर मुख्यमंत्री के आदेश का पालन किया जाए। इसी क्रम में तहसील प्रशासन सक्रिय हुआ और तीन दिनों के भीतर सभी कार्यवाही पूरी कर गुरुवार की रात में ही 52 कटान पीड़ितों को प्रति कटान पीड़ित ढाई डिसमिल जमीन के हिसाब से दया छपरा में नवीन परती की जमीन पर आवासीय पट्टा आवंटित कर दिया। यह जमीन दया छपरा के लोग गोपालपुर, दुबे छपरा व सुघर छपरा के कटान पीड़ितों को नहीं देना चाहते थे। ग्राम प्रधान ने भी पट्टा के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। इसके बाद एक दिन के लिए ग्राम प्रधान का पावर सीज करते हुए उप जिलाधिकारी के निर्देश पर संबंधित मौजा के लेखपाल के हस्ताक्षर से आवासीय भूमि का पट्टा आवंटित कर दिया गया।


दयाछपरा के लोग आक्रोशित

पूर्व में कई कार्यो के लिए प्रस्तावित ग्राम पंचायत दया छपरा में स्थित बच्चों के खेल मैदान की भूमि खाली पड़ी थी। उक्त भूमि को कटान पीड़ितों को आवासीय पट्टा के रूप में आवंटित करने पर तहसील प्रशासन के प्रति दया छपरा के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है, किंतु भारी संख्या में फोर्स की मौजूदगी व कानूनी दांवपेच के कारण वहां के ग्रामीण मौके पर पहुंचकर आवंटन का विरोध नहीं कर पाए। ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन के इस पट्टा आवंटन के कार्य को जनहित के विपरीत बताते हुए इसके विरोध में न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।

ग्रामीणों ने बताया कि नवीन परती के नाम से यह जमीन दया छपरा के बच्चों के लिए खेल का मैदान थी, किंतु इसे बिना ग्राम प्रधान की सहमति के उप जिलाधिकारी ने दूसरे गांव के कटान पीड़ितों में भूमि आवंटित किया है। जबकि नियमानुसार जमीन खरीद कर भी कटान पीड़ितों को बसाया जा सकता था, किंतु तहसील प्रशासन ने ऐसा नहीं किया और खेल के मैदान को ही आवासीय भूमि के रूप में आवंटित किया। पहले इस जमीन पर पॉलिटेक्निक कॉलेज बनाने का प्रस्ताव था। बाद में ग्राम न्यायालय बनाने की भी बात चली थी। मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ ने इंटर कालेज बनाने की घोषणा की थी, किंतु यह बच्चों के खेलने का मैदान था। इसलिए राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते इस जमीन को ग्रामीणो ने बचा कर रखा था। अब अचानक इसे आवासीय पट्टा के रूप में आवंटित कर दिए जाने से ग्रामीण परेशान और भौचक्के हैं। ग्राम प्रधान हृदयानंद वर्मा, दुर्गा शंकर पांडे,पूर्व प्रधान राम जी यादव, हीरा लाल सोनी, हरेंद्र पांडे, कामेश्वर पांडे, अनिल पांडे, हरेराम पांडे आदि ने बताया कि यहां के कई युवाओं को प्रशासन ने अकारण धारा 107, 16 में पाबंद किया गया है, जो दुखद और  दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरा गांव इस खेल के मैदान को बचाने के लिए हर संभव लड़ाई लड़ेगा।

वहीं दूसरी तरफ उप जिलाधिकारी आत्रेय मिश्र का कहना है कि ग्राम सभा की भूमि मौजूद होने पर जमीन खरीद कर बसाने का प्रावधान नहीं है। इसलिए इस ग्राम सभा की भूमि पर कटान पीड़ितों को बसाया गया है, जिन कटान पीड़ितों को भूमि का पट्टा आवंटित किया गया है  उन्हें एक सप्ताह के भीतर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से अपना बसेरा हटाना पड़ेगा, नहीं तो बल पूर्वक हटाया जायेगा। उन्होंने कहा कि मामले में किसी को पाबंद नहीं किया गया है। 

कांग्रेस नेता ने किया प्रशासन से आग्रह

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनोद सिंह ने जिलाधिकारी व अपर प्रमुख सचिव राजस्व सुरेश चंद्र से आग्रह किया है कि दुबे छपरा के कटान पीड़ितों को कहीं जमीन खरीद कर बसाया जाए। दया छपरा की जो भूमि कटान पीड़ितों को आवंटित की जा रही है, वह दया छपरा के युवाओं का खेलकूद मैदान है। भले वह राजस्व पत्रावली में नवीन परती के नाम से दर्ज हो, किंतु वहां युवा खेलते कूदते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इसलिए उस भूमि का स्वरूप कदापि ना बदला जाए। उन्होंने स्पष्ट किया है कि मैंने सांसद नीरज शेखर के पत्र के साथ यह आग्रह अपर प्रमुख सचिव राजस्व से किया था कि कटान पीड़ितों को जमीन खरीद कर बसाया जाए। किन परिस्थितियों और क्यों बैरिया के उप जिलाधिकारी आत्रेय मिश्र जमीन खरीदना नहीं चाहते यह तो वही बता सकते हैं। नियमों का हवाला देना उचित नहीं है। कटान पीड़ितों को जमीन खरीदकर बसाने का शासनादेश भी सरकार ने जारी कर रखा है।

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