बलिया के शिक्षक नेता ने यादों के झरोखों से बचपन को कुछ यूं किया जिन्दा




बलिया के शिक्षक नेता ने यादों के झरोखों से बचपन को कुछ यूं किया जिन्दा
राधेश्याम सिंह, शिक्षक नेताजब हम स्कूल में पढ़ते थे, उस स्कूली दौर में निब पैन का चलन जोरों पर था। तब कैमलिन और सुलेखा की स्याही प्रायः हर घर में मिल ही जाती थी। कोई कोई टिकिया से स्याही बनाकर भी उपयोग करते थे और बुक स्टाल पर शीशी में स्याही भर कर रखी होती थी। 5 पैसा दो और ड्रापर से खुद ही डाल लो, ये भी सिस्टम था। जिन्होंने भी पैन में स्याही डाली होगी, वो ड्रॉपर के महत्व से भली भांति परिचित होंगे। कुछ लोग ड्रापर का उपयोग कान में तेल डालने में भी करते थे।
महीने में दो-तीन बार निब पैन को खोलकर उसे गरम पानी में डालकर उसकी सर्विसिंग भी की जाती थी। लगभग सभी को लगता था कि निब को उल्टा कर के लिखने से हैंडराइटिंग बड़ी सुन्दर बनती है। हर क्लास में एक ऐसा एक्सपर्ट होता था, जो पैन ठीक से नहीं चलने पर ब्लेड लेकर निब के बीच वाले हिस्से में बारिकी से कचरा निकालने का दावा कर लेता था। उसे बड़े गर्व से हम कक्षा का मानीटर कहते थे।
नीचे के हड्डा को घिस कर परफेक्ट करना भी एक आर्ट था। हाथ से निब नहीं निकलती थी तो दांतों के उपयोग से भी निब निकालते थे। दांत, जीभ औऱ होंठ भी नीला होकर भगवान महादेव की तरह हलाहल पिये सा दिखाई पड़ता था। दुकान में नयी निब खरीदने से पहले उसे पैन में लगाकर सेट करना, फिर कागज़ में स्याही की कुछ बूंदे छिड़क कर निब उन गिरी हुयी स्याही की बूंदों पर लगाकर निब की स्याही सोखने की क्षमता नापना ही किसी बड़े साइंटिस्ट वाली फीलिंग दे जाता था।
निब पैन कभी ना चले तो हम सभी ने हाथ से झटका देने के चक्कर में आजू बाजू वालों पर स्याही जरूर छिड़की होगी। कुछ बच्चे ऐसे भी होते थे, जो पढ़ते लिखते तो कुछ नहीं थे लेकिन घर जाने से पहले उंगलियों में स्याही जरूर लगा लेते थे, बल्कि पैंट पर भी छिड़क लेते थे, ताकि घरवालों को देख के लगे कि बच्चा स्कूल में बहुत मेहनत करता है।
कभी-कभी आपस में झगड़ा भी हो जाता था। पेन के पहले लकड़ी की पटरी, कक्षा गदहियां पार्टी, छोटी पार्टी, बड़ी पार्टी, तब कक्षा-1, 2 में साथ में होती थी तो पटरी भी आपस में चलती थी। उसके बाद गुरु जी बेहाया की छड़ी से स्वागत करते थे। घर भी माता पिता 2-4 थप्पड़ तो लगा ही देते थे।
भूली हुई यादें और बचपन : जिन्दाबाद जिन्दाबाद

Related Posts
Post Comments

Comments