आग के मुहाने पर बलिया का यह इलाका, हर पांचवें दिन लगती है आग ; लेकिन...

आग के मुहाने पर बलिया का यह इलाका, हर पांचवें दिन लगती है आग ; लेकिन...


बैरिया, बलिया। गर्मी का पारा चढ़़ते ही आग के मुहाने पर द्वाबा खड़ा हो गया है, जिससे लोग दहशत में है। कारण कि करोड़ों की लागत से इब्राहिमाबाद (बैरिया) में बना अग्निशमन केंद्र संसाधनों के अभाव में अपनी क्षमता के अनुसार कार्य नहीं कर पा रहा है। इस वजह से आग से होने वाली तबाही पर विराम नहीं लग पा रहा। कहीं लाखों की संपत्ति स्वाहा हो जा रही है तो कहीं जिंदा जलकर मरने की घटना हो जा रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अग्निशमन केंद्र पर संसाधनों का अभाव दूर करना, किसकी जिम्मेदारी है ? 
बैरिया अग्निशमन केंद्र पर 26 फायरमैन, 4 हेड फायरमैन, चार ड्राइवर, एक उपनिरीक्षक, एक निरीक्षक, एक फालवर व एक सफाई कर्मी की तैनाती के साथ चार गाड़ियां उपलब्ध होनी चाहिए। इसके सापेक्ष मात्र 8 फायरमैन, एक हेड कांस्टेबल, एक ड्राइवर, एक फालवर व एक सफाई कर्मी तैनात हैं। चार गाड़ियों के सापेक्ष एक छोटी गाड़ी और एक बड़ी गाड़ी मौजूद है। छोटी गाड़ी खराब हो चुकी है। बड़ी गाड़ी संकीर्ण स्थानों पर आग बुझाने के लिए जाने में सफल नहीं हो पा रही है। ऐसे में आग की तबाही पर ब्रेक लगाना अग्निशमन दस्ता के लिए कठिन हो रहा है। गौरतलब है कि हल्दी, रेवती, बैरिया दोकटी थाना क्षेत्र की लाखों की आबादी को आग से बचाने की जिम्मेदारी इब्राहिमाबाद अग्निशमन केंद्र को है, लेकिन यहां न तो संसाधन है न संख्या है। ऐसे में आग की तबाही गर्मी बढ़ने के साथ और बढ़ सकती है। क्षेत्रीय लोग जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का ध्यान अपेक्षित करते हुए अपेक्षा कर रहे हैं कि इस अग्निशमन केंद्र को संसाधनों से लैस किया जाए, ताकि  दियराचंल क्षेत्र में होने वाली तबाही की घटनाओं पर काबू पाया जा सके।

44 दिन में 9 जगह लगी आग

गर्मी का मौसम शुरू होते ही कम से कम दो दर्जन अगलगी की घटना बैरिया क्षेत्र में हुई है। 14 फरवरी को बैरिया का रकबा टोला, 21 फरवरी को कोटवा, 25 फरवरी को मठ योगेंद्र गिरी, 27 फरवरी को श्रीनगर, 3 मार्च को लालगंज कस्बा, 5 मार्च को सावन छपरा, 8 मार्च को चिरैया मोड़ बैरिया पर आग लगी की घटना में अग्निशमन केंद्र के कर्मियों ने पहुंच कर आग पर काबू पाया। वही 24 मार्च को बाबू के डेरा में सैकड़ो एकड़ क्षेत्रफल में गेहूं की फसल में आग लगने से जलकर नष्ट हो गई। फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची, लेकिन गाड़ी खराब हो जाने के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ी को वापस लौटना पड़ा। 25 मार्च को बकुल्हा नई बस्ती में आग से बड़ी तबाही हुई। एक महिला जिंदा जल मरी। अग्निशमन केंद्र की गाड़ी खराब होने की वजह से मौके पर अग्निशमन केंद्र के कर्मचारी नहीं पहुंच पाए। इसी तरह गोपाल नगर, अधसिझुआ, श्रीपतिपुर व रामपुर कोड़रहा में भी अगलगी की घटना में गाड़ी खराब होने के चलते अग्निशमन केंद्र की उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाई। ऐसे में अगर तत्काल संसाधन से लैस कर अग्निशमन केंद्र को अच्छी गाड़ियां नहीं उपलब्ध कराया गया तो आग से बड़ी तबाही होने की आशंका लोग व्यक्त कर रहे हैं।

शिवदयाल पांडेय 'मनन'

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