महाकाव्य रामचरितमानस को आदर्श मान धरी समाजसेवा की राह

महाकाव्य रामचरितमानस को आदर्श मान धरी समाजसेवा की राह



दुबहर/बलिया ।  परहित जीनके मन माही, तीनके  जग दुर्लभ कछु नाही ........!  कालजयी कवि तुलसीदास जी द्वारा रचित महाकाव्य रामचरितमानस की इन पंक्ति का आदर्श मान लोगों की सेवा में उतरे क्षेत्र के शिवपुर दीयर नई बस्ती ब्यासी निवासी समाजसेवी धुरूप सिंह  अपने गांव तथा क्षेत्र के अस्वस्थ्य एवं निराश्रित लोगों कि सेवा करने का बीड़ा उठाया है । जो प्रतिदिन अपने गांव से दर्जनों लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं इलाज कराने जिला चिकित्सालय का चक्कर काटते रहते हैं । जिससे इनको बहुत आत्मिक संतुष्टि मिलती है । इस संदर्भ में बताते हैं कि ईश्वर ने जब हम को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखा है । तो  नैतिक आधार पर उन्होंने हमारी कुछ जिम्मेदारियां भी तय कर रखी है । इसलिए समाज के असहाय लोगों की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है चाहे वह किसी जाति धर्म और क्षेत्र के हो । सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इस कार्य को करने से आर्थिक लाभ तो नहीं होता लेकिन आत्म संतुष्टि जरूर होती है । जिस का मूल्य नहीं लगाया जा सकता । उन्होंने सभी समाज के लोगों से आग्रह किया कि अपने पूर्वजों से सीख लेते हुए त्याग बलिदान का भाव दिल में रखकर समाज के दबे कुचले एवं जरूरतमंद लोगों की सेवा की लिए दो कदम चलने का प्रयास करें और मानव  जीवन को सफल बनाएं।


रिपोर्ट शिव जी गुप्ता

Related Posts

Post Comments

Comments

Latest News

List Of Selected ARP : बलिया को मिले 43 एआरपी, 23 दिसम्बर को होगा ब्लाक आवंटन List Of Selected ARP : बलिया को मिले 43 एआरपी, 23 दिसम्बर को होगा ब्लाक आवंटन
Ballia News : मुख्य विकास अधिकारी के अनुमोदनोपरांत जनपद बलिया में एआरपी के 65 रिक्त पदों के सापेक्ष लिखित परीक्षा,...
2 New Train : नए साल में बलिया और गाजीपुर को मिला रेलवे का नया गिफ्ट
बलिया में फर्जी चैरिटेबल ट्रस्ट का खुलासा, चार गिरफ्तार
कैसा रहेगा अपना Monday, पढ़ें 22 दिसम्बर का राशिफल
TTE की पत्नी ने दी जान, 10 महीने पहले हुई थी शादी; सामने आ रही ये वजह
धुरंधर ने तीसरे रविवार कर दिया ऐसा जो अभी तक...
'फेफना खेल महोत्सव' का ओवर ऑल चैंपियन बना नरही, खेल मंत्री ने खिलाड़ियों को किया पुरस्कृत