कार्डिएक अरेस्ट, हार्ट अटैक और स्ट्रोक : बलिया आ रहे डॉ. संतोष कुमार सिंह से जानिए कारण, संकेत और लक्षण

कार्डिएक अरेस्ट, हार्ट अटैक और स्ट्रोक : बलिया आ रहे डॉ. संतोष कुमार सिंह से जानिए कारण, संकेत और लक्षण

आजकल की लाइफस्टाइल और अनहेल्दी आदतों के कारण दुनियाभर में लोग अलग-अलग तरह की बीमारियों से घिरे हुए हैं। इनमें कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक के मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। अधिकतर लोग कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बीच फर्क नहीं समझ पाते हैं। दिल से जुड़ीं बीमारियों (Heart Disease) से ग्रसित लोगों को बेहतर उपचार मिले, इस दिशा में जिला मुख्यालय स्थित बाबू मेडिकल स्टोर ने सार्थक पहल किया है। राजकीय इण्टर कालेज (GIC) बलिया गेट के सामने संचालित बाबू मेडिकल स्टोर पर माह के चौथे रविवार को कंसल्टेंट कार्डियोलाजिस्ट (हार्ट स्पेशलिस्ट), एमडी (मेडिसिन), डी.एन.बी. (कार्डियोलॉजी) एसो कंसल्टेंट मैक्स हेल्थकेयर नई दिल्ली, एक्स. एसो. कंसल्टेंट फोटिस एस्कार्ट हास्पीटल नई दिल्ली डॉ. संतोष कुमार सिंह (Dr. Santosh Kumar singh) सेवा दे रहे है।  
 
डॉ. संतोष कुमार सिंह ने Purvanchal24 से Heart Disease पर खास बातचीत की। बताया कि हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट दोनों एक मेडिकल इमरजेंसी है, जो व्यक्ति के हार्ट को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक का कारण हार्ट में ब्लड की आपूर्ति या रुकावट होता है, वहीं हार्ट जब ब्लड पंप करना बंद कर देता है, उस स्थिति को कार्डिएक अरेस्ट कहते हैं।
 
कार्डिएक अरेस्ट, हार्ट अटैक और स्ट्रोक में क्या है अंतर
 
डॉ. संतोष कुमार सिंह के मुताबिक, हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट दिल की बीमारियां हैं, जो सर्कुलेशन से संबंधित है। इसमें हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा तब होता है, जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है और ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग मरने लगता है। दूसरी तरफ कार्डिएक अरेस्ट में हार्ट का अचानक धड़कना बंद हो जाता है। स्ट्रोक ब्रेन में ब्लड फ्लो में रुकावट के कारण होता है, यह ब्रेन टिश्यू को प्रभावित करता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, जो तब होती है जब आपके मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है।
 
क्या होता है कार्डिएक अरेस्ट ?
 
कार्डिएक अरेस्ट हमेशा अचानक होता है, जिससे पहले कोई खास संकेत नहीं मिलते हैं। इसमें हार्ट शरीर में ब्लड पंप करना बंद कर देता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है। इस स्थिति में तुरंत ट्रीटमेंट ना मिलने पर व्यक्ति कुछ ही मिनटों में मर सकता है।
 
कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण
 
कार्डिएक अरेस्ट का सबसे मुख्य लक्षण होता है बेहोशी। कई बार व्यक्ति कार्डिएक अरेस्ट से पहले कुछ निम्न संकेतों को महसूस कर सकता है, जो इस प्रकार हैं...
 
- असामान्य हार्ट बीट।
-सिर चकराना या चक्कर आना।
-चेस्ट पैन।
-सांस लेने में दिक्कत।
-जी मिचलाना या उल्टी होना।
 
कार्डिएक अरेस्ट के बाद
 
-व्यक्ति की सांसें या तो बंद हो जाती हैं या वह सामान्य तरीके से सांस लेता है।
-लंबी-लंबी सांसे लेना और हांफना।
-पूरी तरह बेहोश हो जाना।
 
इन्हें होता है कार्डियक अरेस्ट का ज्यादा खतरा
 
डॉ. संतोष कुमार सिंह बताते है कि अगर लाइफस्टाइल सही न हो तो कार्डियक अरेस्ट कभी भी किसी को भी आ सकता है, लेकिन कुछ लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। जिन लोगों के घर खानदान में किसी व्यक्ति की कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत हुई हो तो उन्हें भी इसका खतरा रहता है। यानि कि आनुवांशिक रूप से यदि किसी के परिवार में 50-60 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट आया हो तो उन्हें अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है, क्योंकि उन्हें भी इसका खतरा रहता है। इसके अलावा जिन लोगों को कोरोनरी आर्टरी डिजीज (हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज) या हाइपरटेंशन, डायबिटीज, शराब पीना या धूम्रपान की लत हो तो उन्हें भी कार्डियक अरेस्ट का खतरा रहता है।
 
कार्डियक अरेस्ट आने पर क्या करें?
 
किसी व्यक्ति को जब कार्डियक अरेस्ट आता है और डॉक्टर तक पहुंचने में देरी है सीपीआर देते हैं। वैसे डॉक्टर द्वारा इस स्थिति में पीड़ित के हृदय को इलेक्ट्रिक शॉक देकर नियंत्रित किया जाता है।
 
सीपीआर क्या है?
 
सीपीआर एक आपातकालीन स्थिति में प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है, जो किसी व्यक्ति की धड़कन या सांस रुक जाने पर प्रयोग की जाती है। सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसें दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है और साँस वापस आने तक या दिल की धड़कन सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है जिससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होता रहता है।
 
क्या होता है हार्ट अटैक ?
 
आजकल हर दिन हजारों लोगों को हार्ट अटैक का सामना करना पड़ रहा है। ब्लड क्लॉटिंग होने या हार्ट में ब्लड सप्लाई की कमी से हार्ट अटैक की स्थिति बनती है। हार्ट अटैक अधिकतर कोरोनरी आर्टरीज में ब्लॉकेज के कारण होता है, जो हार्ट को गंभीर नुकसान पहुंचाकर व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है और व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
 
हार्ट अटैक के लक्षण
 
वैसे तो हार्ट अटैक के लक्षण अचानक सामने आते हैं, लेकिन कई स्थितियों में कुछ हल्के-फुल्के लक्षण कई दिनों या हफ्ते पहले महसूस हो सकते हैं। हार्ट अटैक के लक्षण हर व्यक्ति और महिलाओं या पुरुषों में एक दूसरे से अलग देखने को मिल सकते हैं, जैसे-
 
-बेचैनी, सीने में दर्द 
-सांस लेने में परेशानी
- ठंडा पसीना आना
-हार्ट बीट तेज होना 
-हाथों, पीठ, गर्दन, जबड़े और पेट में दर्द होना और तेज जलन महसूस होना, चक्कर आना।
 
क्या होता है स्ट्रोक ?
 
स्ट्रोक ब्रेन में ब्लड फ्लो में रुकावट के कारण होता है, यह ब्रेन टिश्यू को प्रभावित करता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, जो तब होती है जब आपके मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है।
 
-स्ट्रोक के लक्षण
-अचानक मानसिक भ्रम
-बोलने में समस्या
-चेहरा, हाथ या पैर में लकवा
-चलने में असमर्थता
-विजन का धुंधला हो जाना
-सिरदर्द
-मतली या निगलने में कठिनाई
-ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक
 
1. इस्केमिक स्ट्रोक
 
जब मस्तिष्क में ऑक्सीजन युक्त ब्लड ले जाने वाली धमनी में रुकावट का अनुभव होता है, तो इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मर जाती हैं। इसके कारण इस्केमिक स्ट्रोक होता है। मस्तिष्क की धमनियों में इस तरह की रुकावट धमनियों के संकुचित होने के कारण हो सकती है, लेकिन यह छोटे ब्लड क्लॉट्स के कारण भी हो सकता है।
 
2. ट्रांसिएंट इस्केमिक स्ट्रोक
 
एक "मिनी-स्ट्रोक तब हो सकता है, जब मस्तिष्क को ब्लड ले जाने वाली धमनी थोड़े समय के लिए ऐसा करना बंद कर देती है। ब्लड फ्लो में रुकावट की इस अवधि के दौरान स्ट्रोक के लक्षण देखे जा सकते हैं।
 
3. हीमोरेगिक स्ट्रोक
 
जब मस्तिष्क के अंदर एक धमनी फट जाती है, तो फटी हुई धमनी में ब्लड फ्लो में रुकावट के कारण ब्रेन सेल्स डैमेज हो जाते हैं और मस्तिष्क में चारों और ब्लड फैल जाता है।
 
डॉ. संतोष कुमार सिंह का कहना है कि जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है। धूम्रपान जैसी आदतों को छोड़ने के साथ-साथ फिजिकली एक्टिव रहना और हैल्थी बॉडी वेट को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की निगरानी और नियंत्रण करना भी आवश्यक है, जो शायद दिल के दौरे, कार्डियक अरेस्ट या स्ट्रोक को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।
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