मामला बछड़ों की मौत का : लीपापोती में जुटे जिम्मेदार

मामला बछड़ों की मौत का : लीपापोती में जुटे जिम्मेदार


File Photo


मनियर/ बलिया। नगर पंचायत मनियर द्वारा गौराबगही स्थित मठिया में बनाये गये कान्हा पशु आश्रय गौशाला में रविवार को चारा के अभाव में एक साथ मरे तीन बछड़ों की मौत एवं एक बछड़े के जीवन मौत से जूझने का मामला तूल पकड़ते दिखाई देने लगा है। हांलाकि चर्चा है मामले में गर्दन फंसते देख कुछ जिम्मेदार मामले में लीपापोती कर येन-केन प्रकारेण पीछा छुड़ाने का प्रयास भी कर रहे है। गौरतलब हो कि गौशाला में बछड़ों की लगातार हो रही मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया और सूचना पाकर मौके पर पहुँचे तहसीलदार बाँसडीह  पंडित शिव सागर दूबे ने अपने निरीक्षण के बाद  खामियां को लेकर जिम्मेदारों को कड़ी फटकार के साथ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद सोमवार को आदर्श नगर पंचायत मनियर के कर्मचारी एवं पशु चिकित्सा विभाग हरकत में आ गया।पशुओं के रख रखाव व चारा की व्यवस्था शुरू हो गई।
जबकि उपजिलाधिकारी बॉसडीह अन्नपूर्णा गर्ग ने भी बीते सोमवार को कान्हा पशु आश्रय पर पहुंचकर मृत बछड़ों का जायजा लिया तथा पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर को मृत पड़े तीन बछड़ों को पोस्टमार्टम करा कर सही रिपोर्ट सौंपने को कहा था अन्यथा नगर पंचायत के जिम्मेदारों सहित सारे लोगों को कारवाई भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा था । 

सूत्रों की मानें तो अब सारा मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर आकर ठहर गया है। लेकिन आसपास के लोगों की मानें तो सबकुछ जिम्मेदारों की गलत नीतियों व नीयतों के कारण ही हुआ है। जिसके कारण कई बछड़ों को असमय काल कलवित होना पड़ा। लोगों की मानें तो आम जनमानस में बढ़ते रोष को देखते हुए ही मृत बछड़ों को रात में जलप्रवाह किया जाता रहा परन्तु व्यवस्था की खामियों को दूर नहीं किया गया। नगर पंचायत द्वारा व्यवस्था की सुधि ली जाती तो मामला यहां तक न पहुँचा होता। दबी जुबान तो ये भी चर्चा है कि बछड़ों की मौत मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कहानी चाहे कुछ भी क्यों न हो मगर बछड़ों की मौत चारे व पानी के अभाव में बढ़ते तापमान में दम घुटने से हुई है। अगर ऐसा न होता तो मौत का सिलसिला न चालू हुआ होता। नगर पंचायत द्वारा बजट की कमी की जो बात कही जा रही है वो लोगों के गले नहीं उतर रही है। लोगों की मानें तो जो बजट खर्च किया जा रहा है उसकी कहानी कागजों पर कुछ और ही बताने का प्रयास किया जा रहा है। यक्ष प्रश्न है कि उधार बाकी के द्वारा लाखों रुपए का प्रबंध कर पशुओं के चारे-पानी की व्यवस्था की जो दलील जिम्मेदारों द्वारा दी जा रही है हकीकत में यदि ऐसा हुआ होता तो क्या निरीक्षण के समय उच्चाधिकारियों को इतनी खामियां मिली होती?

रिपोर्ट राम मिलन तिवारी

Related Posts

Post Comments

Comments

Latest News

Ballia News : शिक्षक की मौत मामले में JE सस्पेंड Ballia News : शिक्षक की मौत मामले में JE सस्पेंड
Ballia News : अचानक टूटकर गिरे हाइटेंशन तार की चपेट में आने से शिक्षक की मौत मामले में विद्युत उपकेंद्र...
बलिया में एक के बाद एक एनकाउंटर, पकड़ा गया गोली से घायल बदमाश शमीम कुरैशी
एक्शनमोड में बलिया पुलिस, आधी रात बाद हत्यारोपी धर्मेंद्र यादव का हॉफ एनकाउंटर
परिषदीय स्कूलों में छात्र उपस्थिति का होगा सत्यापन, BSA ने जारी किया आदेश
16 October 2025 Ka Rashifal : कैसा रहेगा अपना गुरुवार, पढ़ें आज का राशिफल
बलिया में मंत्री ने रखी मीडिया के लिए कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला, दिव्यांगजनों में बांटी ट्राईसाईकिल 
Ballia Education : मैथ ओलंपियाड में चमकें बेलहरी बलाक के सितारे, BEO ने किया सम्मानित