पिता ने मौत को लगाया गले, बेटी ने सीएम को पत्र लिखकर पूछा - भगवान का घर कहां है ? दिल थाम के पढ़िए Letter
Maharashtra News : महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के सेगांव खोड़के गांव निवासी एक किसान ने फसल खराब होने पर सुसाइड कर लिया। मृतक किसान की आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें बच्ची ने कहा है कि मेरे बाबा (पिता) भगवान के घर गए हैं। आप उनसे कहकर मेरे बाबा को घर भिजवा दीजिए। उनसे कहना आपकी बेटी घर पर राह देख रही है।
दरअसल, सेगांव के रहने वाले किसान नारायण खोड़के ने घाटे और कर्ज के कारण खुदखुशी कर ली थी। मृतक किसान नारायण की बेटी किरण खोड़के ने अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चिट्ठी लिखकर अपने पिता को वापस घर भेजने की बात कही है। किरण आठवी में पढ़ती हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखा है…
”सर! आपने दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया। शायद आपकी दीवाली भी अच्छी होगी। मगर मेरे घर न तो दशहरा मनाया गया, न दीवाली होगी. मेरी आई (मां) रोती हैं। कहती हैं कि अगर सोयाबीन के भाव अच्छे होते तो शायद तेरे बाबा नहीं मरते। इस साल हमारे खेत में सोयाबीन कम हुई, इसको लेकर आई और बाबा के बीच झगड़ा हुआ।
बाबा घर छोड़कर चले गए, मगर लौटे नहीं। मैंने दादी से पूछा- बाबा (पिता) कहां गए तो उन्होंने कहा तेरे पिता भगवान के घर गए। सर, भगवान का घर कहां है। उनका नंबर दीजिये। मेरे बाबा को घर भेजिए, दीवाली आ रही है। हम तीन बहनें और एक भाई है। हम हर दिन बाबा के आने की राह देखते हैं। मगर वो अब तक नहीं लौटे।
अगर वो नहीं लौटे तो हमें बाजार कौन लेकर जाएगा। कपड़े कौन लेकर देगा? आपके बाबा बाहर जाने के बाद आपकी दीवाली होती है क्या? लोग कहते हैं सरकार की वजह से तेरा पिता भगवान के घर गया। यह सच है क्या? भगवान से कहकर मेरे बाबा को घर भेज दो। हमें दीवाली के लिए बाजार जाना है। उनसे कहना कि आपकी बेटी रो रही है। फिर वह जल्दी आएंगे।
नाम किरण नारायण खोड़के
गांव सेगांव तालुका सेनगांव.
अब देखना है कि एकनाथ शिंदे इस मासूम बच्ची की चिट्ठी का क्या जवाब देते हैं। इस साल महाराष्ट्र में बारिश कम होने से फसलें तबाह हो गईं। फसल बीमा नहीं मिला. किसानों को आस थी कि सरकार मदद देगी। मगर सहायता नहीं मिली।
Source : जनता से रिश्ता
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