सागर आइलैंड से बलिया के रास्ते अयोध्या निकला कैटामारन इलेक्ट्रिक जलयान, 22 जनवरी को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
-निर्धारित समय से दो दिन विलम्ब से खरीद पहुंचा जलपोत
-पुरुषोत्तमपट्टी में भी शिल्ट ने घंटो बाधित किया रास्ता
सिकन्दरपुर, Ballia News : कोलकाता के सागर आइलैंड से सात जनवरी 2024 को निकला कैटामारन इलेक्ट्रिक जलयान अंततः शुक्रवार को दोपहर बाद सिकंदरपुर क्षेत्र के खरीद से गुजर गया। हालांकि यह जलपोत निर्धारित शेड्यूल से दो दिन विलम्ब से यहां पहुंचा था। सरकार की योजना कोलकाता और अयोध्या को जलमार्ग से जोड़ने की है। इसे मूर्त रूप देते हुए पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने घाघरा नदी को राष्ट्रीय जलमार्ग (संख्या-40) घोषित कर रखा है। करीब 353 किमी लंबे इस सफर को तय करने के लिए विभाग ने पहले ही शेड्यूल जारी कर दिया था।
शेड्यूल के मुताबिक कैटामारन इलेक्ट्रिक जलयान को 17 जनवरी को ही खरीद (सिकन्दरपुर) से गुजरना था, लेकिन मंगलवार को मांझी घाट के पास नदी में पानी स्तर कम होने और दिशा भ्रम होने की वजह से उसे वहीं रोकना पड़ा था। वहीं, बुधवार को बमुश्किल 10 किमी का सफर तय करने के बाद जलपोत रेवती क्षेत्र के वशिष्ठ नगर मौजा के लाल फक्कड़ बाबा की मठिया के सामने बालू में फंस गया, जिसे 30 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गुरुवार शाम को वहां से रवाना किया जा सका।
शील्ट की वजह से एक बार फिर जलयान को दतहां और चांदपुर के बीच रोकना पड़ा। शुक्रवार की सुबह अगले सफर पर निकले चालक दल को पुरुषोत्तमपट्टी के पास एक बार फिर मुश्किलों से सामना हुआ। करीब दो घंटे बाद वहां से रवानगी लेने के बाद जलयान अपराह्न करीब 2:15 बजे खरीद से होकर गुजरा। वही 4:30 बजे जलयान तुर्तीपार से महज छह किमी पहले था। इस दौरान खरीद और विहरा में जलयान को देखने के लिए भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
पायलट मनोज कुमार ने बताया कि उक्त जलमार्ग पर परिवहन सेवा का उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री द्वारा अयोध्या में किया जाना है। जिस बाबत जलयान को 20 जनवरी तक अयोध्या पहुंचना था। लेकिन रास्ते में आ रहे अवरोध की वजह से काफी विलम्ब हो रहा है। बताया कि मऊ जनपद के दोहरीघाट, आजमगढ़ जिले के कुम्हारिया घाट से बीड़हरपुर के रास्ते टांडा घाट से अकबरपुर जिले में प्रवेश करेंगे, जहां से राजेसुल्तान घाट (अकबरपुर) होते हुए अयोध्या का सफर तय किया जाएगा। कहा कि नदी के वास्तविक प्रवाह क्षेत्र और पर्याप्त जलस्तर मिलने के बाद सफर काफी आसान हो जाएगा।
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