तेरे भी अंदर केवल स्वार्थ है...
On




बरगद अब है कहां
मैं भी पहले जैसा गांव हूं कहां?
तू भी अब गांव वाला रहा कहां?
मेरे भी ज़मीं पर अब नारियल और मनीप्लांट है बरगद की जगह
तेरे भी अंदर केवल स्वार्थ है अपनत्व की जगह।
अब तो बैठकी चाय की दुकान पर ही हो जाती है,
बरगद की छांव में लगने वाली चौपाल है कहां?
कहने को तो हर रोज पेड़ लग रहे हैं,
पर पूरे गांव को छांव देने वाला बरगद लग रहा है कहां?
पूछ रही है मायके आती-जाती बुआ-अम्मा
जिस पर झूलते थे वह बरगद है कहां?
पूछ रहे हैं बूढ़े दादा और सर्विस से रिटायर आएं काका
जिसके छांव में बिता देते थे दिन, वह बरगद अब है कहां?
तुलसी सोनी
ग्राम- घोड़हरा, जिला-बलिया
ग्राम- घोड़हरा, जिला-बलिया
Tags: Ballia News


Related Posts
Post Comments
Latest News
04 Jul 2025 06:03:01
मेषजीवनसाथी का सानिध्य मिलेगा। रोजी-रोजगार में तरक्की करेंगे। नौकरी-चाकरी की स्थिति अच्छी होगी। प्रेमी-प्रेमिका की मुलाकात होगी। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार...
Comments