बलिया : समाजवादी परिभाषा को चरितार्थ कर रहे सूर्यभान सिंह, निःस्वार्थ सेवा बनी पहचान

बलिया : समाजवादी परिभाषा को चरितार्थ कर रहे सूर्यभान सिंह, निःस्वार्थ सेवा बनी पहचान


बैरिया, बलिया। दूसरों के दुख को देख जो व्यक्ति दुखी हो जाए, वही सच्चा समाजवादी होता है। इस समाजवादी परिभाषा को अमलीजामा पहनाने में जुटे है संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की धरती के सूर्यभान सिंह। सपा के वरिष्ठ नेता समाजसेवी सूर्यभान सिंह बिना किसी पद के पीड़ित परिवारों का आंसू पोछते हुए उन्हें सहायता प्रदान की है, जो सर्वत्र चर्चा व प्रशंसा का विषय बना हुआ है।
रविवार को जयप्रकाश नगर अन्तर्गत दोकटी थाना क्षेत्र के पश्चिमी बाबू के डेरा में आग लगने से दर्जनों परिवार बेघर हो गए उनका घर गृहस्थी का सारा सामान जलकर खाक हो गया। महावीर यादव के दो छोटे बच्चे व उनकी पत्नी जलकर झुलस गई। उनकी तीन बकरियां जलकर मर गई। यह सूचना  समाजसेवी सूर्यभान सिंह के कान में पहुंचते ही उन्होने लखनऊ रहते हुए अपने सहयोगी अरुण सिंह को भेजकर आर्थिक सहायता प्रदान किया है। इस अग्नि तांडव के शिकार ढेला यादव, महावीर यादव, सुरेंद्र यादव, बृजनंदन यादव, कृष्णा शाह, मंजय यादव, चंद्रमा यादव, राजकुमार यादव को पांच पांच हजार रुपये नगद व नवमी यादव, रामकौल साह, पिंटू यादव, रघुवीर यादव,चनेश्वर यादव, रामबाबू यादव, तुलसी यादव, राम सुभग यादव को दो दो हजार रुपये नगद सहायता प्रदान किया है। कुल मिलाकर उन्होंने 58000 रुपया नगद की सहायता करते हुए पीड़ितों को राहत पहुंचाया है। इसके पहले भी उन्होंने रेवती थाना क्षेत्र के एक युवक की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत होने पर  मृतक का शव रेवती लाने में एंबुलेंस का खर्चा दिया था। कई घटनाओं में उन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए पीड़ितों की आर्थिक सहायता की थी। ऐसे में उनकी जनसेवा का चर्चा जोरों पर है। लोग चर्चा करते हुए यह कह रहे हैं कि यह काम लोकनायक जयप्रकाश नारायण का कोई अनुआई ही कर सकता है। पीड़ितो की मदद के बाद सूर्यभान सिंह ने बताया कि मेरा क्या है। सब समाज का ही तो है। पीड़ित व्यक्ति को पीड़ा में मै नही देख सकता हूँ। जब तक पीड़ित व्यक्ति की मदद मैं नहीं करता, मुझे सूकून नहीं मिलता है। मेरे आदर्श लोक नायक जयप्रकाश नरायण है। उनके पद चिन्हों पर चलने का प्रयास कर रहा हूँ।

शिवदयाल पांडेय 'मनन'

Related Posts

Post Comments

Comments