Shardiya Navratri 2023 Day 8th : हर पाप से मुक्ति दिलाती हैं मां महागौरी, पूजा में शामिल करें ये भोग, बरसेगी  कृपा

Shardiya Navratri 2023 Day 8th : हर पाप से मुक्ति दिलाती हैं मां महागौरी, पूजा में शामिल करें ये भोग, बरसेगी  कृपा

मां दुर्गा का आठवां स्वरूप महागौरी है। अपने इस रूप में मां आठ वर्ष की हैं। इसलिए नवरात्रि की अष्टमी को कन्या पूजन की परंपरा है। धर्मिक मान्यताओं के अनुसार महागौरी की उपासना से इंसान को हर पाप से मुक्ति मिल जाती है। दुर्गा का आठवां स्वरूप ‘महागौरी’, मां पार्वती का रूप और पवित्रता का स्वरुप।

आठ वर्ष की आयु में उत्पत्ति होने के कारण नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है और भक्त अष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन और सम्मान करते हुए महागौरी की कृपा प्राप्त करते हैं। अपने भक्तों के लिए यह अन्नपूर्णा स्वरूप है। इसीलिए इन्हें धन-वैभव और सुख-शान्ति की अधिष्ठात्री देवी भी कहते हैं। सांसारिक रूप में इनका स्वरूप बहुत ही उज्जवल, कोमल, सफेद वर्ण तथा सफेद वस्त्रधारी चतुर्भुजा है। इनके एक हाथ में त्रिशूल और दुसरे हाथ में डमरू है। संगीत की प्रिय देवी मां महागौरी सफेद वृषभ यानि बैल पर सवार हैं।

मां महागौरी की उत्पत्ति के संदर्भ में कथा अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी, जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने ना सिर्फ इन्हें स्वीकार किया बल्कि इनके शरीर को गंगा-जल से धोया, जिससे देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो गईं और इनका नाम गौरी पड़ा। नवरात्रि के अष्ठयमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए देवी माँ को चुनरी भेंट करती हैं। कहा जाता है जो भी महा गौरी की पूजा करता है उसके वर्तमान ,अतीत और भविष्य के पाप धुल जाते है।

नवरात्रि के आठवें दिन हमारे शरीर का सोम चक्र जागृत करने का दिन है। सोम चक्र उर्ध्व ललाट में स्थित होता है। आठवें दिन साधना करते हुए अपना ध्यान इसी चक्र पर लगाना चाहिए। श्री महागौरी की आराधना से सोम चक्र जागृत हो जाता है और इस चक्र से संबंधित सभी शक्तियां श्रद्धालु को प्राप्त हो जाती हैं। मान्यता है कि अष्टमी के दिन मां को नारियल का भोग लगाना चाहिए। नारियल को सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करने से आपकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। मां महागौरी भक्तों में प्रसन्नता का संचार करती हैं। इस दिन हल्का नीला या आसमानी रंग का प्रयोग बेहद शुभ माना जाता है, जो असीम शांति प्रदान करता है।

मां दुर्गा के महागौरी रूप की उपासना करने के लिए शास्त्रों में निम्न मंत्र की साधना का वर्णन है...
मंत्र : सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते।।

जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री जी से अष्टमी पर उपाय : दुर्गा अष्टमी की रात में देवी मंदिर में चुपके से माता रानी के सोलह श्रृंगार की सामग्री भेंट करने से जीवन में आने वाली समस्त बाधाएं दूर हो जाती है। संभव हो तो दुर्गाष्टमी की रात में किसी प्राचीन दुर्गा मंदिर में जाकर देवी मां के चरणों में 8 कमल के पुष्प चढ़ाने से माता रानी शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं।


ज्योतिष सेवा केन्द्र, मुम्बई
ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री
09594318403/09820819501
email.panditatulshastri@gmail.com
www.Jyotishsevakendr.in.net

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