वाराणसी मंडल के इन स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम : 24 कोचों की ट्रेनों में पांच से छः मिनट में भरा जा रहा पानी
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वाराणसी : पूर्वोत्तर रेलव के वाराणसी मंड़ल अपने यात्रियों को संरक्षित, सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही कोचों में पानी की त्वरित आपूर्ति हेतु मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित कर रहा है। इसी क्रम में वाराणसी मंड़ल के बनारस, छपरा, मऊ सहित 03 स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित किये जा चुके हैं, जबकि बलिया स्टेशन पर क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित किये जाने का कार्य प्रगति पर है। इन स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम लग जाने से 24 कोचों की ट्रेनों में पांच से छः मिनट में पानी रिफिल किया जा रहा है।
क्विक वाटरिंग सिस्टम से ट्रेनों में पानी की उपलब्धता, प्रेशर, मात्रा, खपत, फ्लो एवं पानी भरी जाने वाली ट्रेन का नम्बर इत्यादि एक ही स्क्रीन पर देखा जा सकता है, जिस पर वाटरिंग कार्य के आंकड़े रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिये उपलब्ध रहते हैं। इस सिस्टम से ट्रेनों में कम समय में पानी भरे जाने के कारण ट्रेनों का विलम्बन नहीं होता है तथा कोचों में पानी की उपलब्धता से यात्री संतुष्टि बनी रहती है। क्विक वाटरिंग सिस्टम से कोचों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है, जिससे यात्री संतुष्टि का स्तर बढ़ा है। अल्प समय में कोचों में पानी की आपूर्ति के लिए क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित किये जा रहे हैं। इस व्यवस्था के लग जाने से पानी भरने में आधे से कम समय लगता है।
ज्ञातव्य हो कि क्विक वाटरिंग सिस्टम तकनीकी से अल्प समय मे ही ट्रेनों में वाटर रिफलिंग का कार्य सम्पन्न हो जाता है। इस सिस्टम के उपयोग से 24 कोच की एक सामान्य गाड़ी में पानी भरने में मात्र 10 मिनट ही लगते हैं जिसका सर्वाधिक लाभ लम्बी दूरी की कम ठहराव वाली गाड़ियों के यात्रियों को सुविधा के रूप में मिलता है । वहीं इस क्विक वाटरिंग सिस्टम से जल संचयन भी होता है और जल प्रदूषण के स्तर पर भी नियंत्रण रखा जा रहा है । उक्त स्टशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम के लग जाने से इन स्टेशनों से गुजरने वाली गाड़ियों समेत यहां से ओरिजनेट होने वाली गाड़ियों के यात्रियों को पानी की उपलब्धता निरन्तर सुनिश्चित करना संभव हो सका है।
इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल जल संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है जहां स्टेशनों पर प्लेटफार्मों की साफ-सफाई मैकेनाइज्ड तरीके से किया जा रहा है वहीं कोचों के धुलाई, आधुनिक ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट द्वारा किया जा रहा है, जिससे पानी की बचत हो रही है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के निर्देशानुसार मंडल के प्रमुख स्टेशनों के वाटर रिचार्ज, वाटर बॉडीज, डी- कम्पोस्ट प्लान्ट,वाटर हार्वेस्टर, वाटर रिसाइकिलिंग प्लांट तथा सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट से पानी की बचत हो रही है।
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