आधुनिक भारत की नींव हैं बलिया के परिषदीय विद्यालयों में बन रहा अमृत काल लर्निंग सेंटर




Ballia News : बलिया के प्रत्येक ब्लॉक में स्थित एक बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में एक हाई-टेक विज्ञान केंद्र की स्थापना की जा रही है, जिन्हें अमृत काल लर्निंग सेंटर के नाम से विकसित किया जा रहा है। इनका उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, पर्यावरणीय चेतना, रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देना है। इनका प्रेरणादायक नारा है आधुनिक भारत की आधुनिक नींव।
इन लर्निंग सेंटर्स की स्थापना विद्यालयों के एक कक्षा-कक्ष को अत्याधुनिक एस्ट्रोनॉमी व साइंस लैब में रूपांतरित करके की जा रही है। यह पहल न केवल छात्रों की विज्ञान और खगोल विज्ञान में रुचि को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि उन्हें व्यावहारिक एवं खोजपरक शिक्षा के अवसर भी प्रदान करेगी।
प्रमुख सुविधाएं एवं शिक्षण सामग्री
-रे ऑप्टिक्स किट
-सोलर एनर्जी किट
-रिन्यूएबल एनर्जी किट - अक्षय ऊर्जा के स्रोतों की कार्यप्रणाली को समझाने हेतु।
क्लाइमेट चेंज किट - जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और समाधान की अवधारणाओं पर आधारित।
लिटमस टेस्ट किट–अम्ल-क्षार की पहचान एवं रासायनिक प्रतिक्रिया के आधार।
एटम किट – परमाणु की संरचना, कणों एवं मॉडलों को समझने हेतु।
फिल्ट्रेशन एवं इवापोरेशन प्रयोग किट – पृथक्करण विधियों की व्यावहारिक समझ हेतु।
-वर्नियर कैलिपर व अन्य मापन यंत्र।
-न्यूटन के गति नियमों और गुरुत्वाकर्षण के व्यावहारिक प्रयोग।
-जैविक संरचनाओं के चार्ट एवं मॉडल –जैसे मानव शरीर के अंग, तंत्रिकातंत्र, पाचन तंत्र आदि।
-न्यूटन के गति के नियमों और गुरुत्वाकर्षण बल को प्रत्यक्ष प्रयोगों द्वारा छात्रों को समझाया जाएगा, जिससे उनका वैज्ञानिक चिंतन और वास्तविक जीवन में विज्ञान की उपयोगिता की समझ और गहरी होगी।
छात्रों को होने वाले बहुआयामी लाभ
-वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तार्किक विश्लेषण और पर्यावरणीय चेतना का विकास।
-नवाचार और अनुसंधान की प्रवृत्ति को बल मिलेगा।
-STEM (Science Technology Engineering and Mathematics) शिक्षा के प्रति रुचि और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमताओं में वृद्धि।
-राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड और परियोजनाओं में भागीदारी हेतु तैयारी।
-भारत के ऐतिहासिक योगदान को जानने और उस पर गर्व करने की प्रेरणा।
-इन लर्निंग सेंटर्स में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि छात्र इन सभी उन्नत संसाधनों का अधिकतम लाभ प्राप्त करें।
-यह पहल भारत के विज्ञान, अंतरिक्ष एवं तकनीकी क्षेत्र में गौरवपूर्ण योगदान को श्रद्धांजलि भी है और नए भारत के नव निर्माण में विद्यार्थियों की सशक्त भागीदारी की दिशा में एक दृढ़ कदम है।


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