1700 बेसिक शिक्षकों से होगी रिकवरी, सरकार के फैसले को कोर्ट ने बताया सही
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लखनऊ। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय की बीएड फर्जी डिग्री मामले में राज्य सरकार को बड़ी सफलता हाथ लगी है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक बने लोगों को कोई राहत नहीं दी है और सरकार के फैसले को सही बताया है। अम्बेडकर विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी प्राइमरी स्कूलों के लगभग 1700 शिक्षकों को विभाग बर्खास्त कर चुका है।
बर्खास्तगी के बाद ये शिक्षक न्यायालय चले गए और इस मामले पर स्थगन आदेश ले आए थे। इससे विभाग को खासा नुकसान हो रहा था। इनसे करोड़ों रुपये की रिकवरी की जानी है। अब उच्च न्यायालय के फैसले के बाद विभाग न केवल इन फर्जी शिक्षकों से निजात पा लेगा बल्कि रिकवरी भी कर सकेगा।
अक्तूबर 2017 में बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को सीडी भेजते हुए इन्हें बर्खास्त करने के आदेश दिए थे। वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2017 तक बेसिक शिक्षा परिषद में 3 लाख से ज्यादा शिक्षक भर्तियां हुई थीं।
4570 डिग्री मिली थी फर्जी
अम्बेडकर विश्वविद्यालय से सत्र 2004-05 में बीएड किए हुए छात्रों में 4570 की डिग्री फर्जी पाई गई थी। विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने अपनी जांच में पाया था कि अम्बेडकर विश्वविद्यालय के टेबुलेशन चार्ट में 3517 विद्यार्थी ज्यादा थे। टेबुलेशन चार्ट में 12472 छात्रों का परिणाम दर्ज था, जबकि प्रवेश 8030 विद्यार्थियों ने लिया था। इसी तरह 1053 छात्रों की अंकतालिका से छेड़छाड़ की गई थी।
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