बलिया में शिक्षक की सोच की निःशुल्क प्रशासनिक सेवा कोचिंग : प्रवेश परीक्षा सम्पन्न, पूछे गये ऐसे-ऐसे प्रश्न

बलिया में शिक्षक की सोच की निःशुल्क प्रशासनिक सेवा कोचिंग : प्रवेश परीक्षा सम्पन्न, पूछे गये ऐसे-ऐसे प्रश्न

बलिया। 'शिक्षक चाह जाएं तो स्कूल का माहौल बदल सकता है....' यह उक्ति नहीं, बल्कि सच है। इसे साबित करने में जुटा है कुंवर सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया। आयोग से चयनित नवनियुक्त प्राचार्य डॉ. अंजनी कुमार सिंह के मार्गदर्शन में यहां के शिक्षकों ने न सिर्फपठन-पाठन में नयापन लाकर बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित किया, बल्कि जनपद की 'प्रथम सरकारी निःशुल्क प्रशासनिक कोचिंग' खोलकर बच्चों की सच्ची सफलता के लिए नई इबारत लिख दी है। इनमें बच्चों के प्रति मेहनत और उन्हें देश का भविष्य बनाने की ललक है। 

महाविद्यालय की इस निःशुल्क प्रशासनिक कोचिंग में छात्र-छात्राओं का उत्साह देख सहज ही इसके भावी परिणामों का आकलन किया जा सकता है। 100 सीट के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में 382 छात्र-छात्रा शामिल हुए। प्राचार्य डॉ. अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि इस कोचिंग का उद्देश्य  जरूरतमंद एवं होनहार विद्यार्थियों के पलायन को रोकना है। इन्हें यदि बलिया में ही उच्च स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सुविधाएं प्राप्त होने लगेंगी तो निश्चित रूप में जनपद की राष्ट्रीय पहचान कायम होगी। 

प्रवेश परीक्षा में पूछे गये ऐसे-ऐसे सवाल

प्रवेश परीक्षा में भारतीय इतिहास, भारत का भूगोल, भारतीय संविधान, हिन्दी, सामान्य विज्ञान सहित कुल पचास प्रश्न थे। इनमें अखिल भारतीय किसान मजदूर पार्टी का गठन कब हुआ था ? विधवा विवाह को मान्यता दिलाने वाले ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के जीवनीकार कौन थे? किस देश ने पहली बार सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता की अवधारणा का प्रस्ताव 1972 में दिया था ? मूल संविधान में कितनी भाषाएं थी ? भारत में गरीबी रेखा का निर्धारण कौन करता है ? जनहित याचिका से संबंधित है ? परीक्षा के उपरांत छात्र बड़े मनोयोग से महत्वपूर्ण परीक्षा की चर्चा करते नजर आये। उत्साहित बच्चों ने कहा कि बहुत ही उच्च कोटि का सवाल प्रश्न पत्र में था।  

बौद्धिक खुराक ही इस योजना की सफलता का मूल मंत्र 

इस विशिष्ट योजना के निमित्त समन्वयक एवं हिन्दी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनजीत सिंह का कहना है कि बलिया जनपद में छात्रों को ईमानदारीपूर्वक प्रदान की गयी बौद्धिक खुराक ही इस योजना की सफलता का मूल मंत्र है। आज जिले को शिक्षा की दृष्टि से केंद्र में लाने में यह महती भूमिका निभा सकती है। 

अपने उद्देश्य में सफल होगी यह कोचिंग

राजनीति विज्ञान विभाग के बौद्धिकता के पर्याय, विषय विशेषज्ञ एवं जेएनयू के पूर्व शोध छात्र रहे डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पटेल का कथन महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि यह कोचिंग निश्चित रूप में अपने उद्देश्य में सफल होगा, क्योंकि इससे में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव भावी पीढ़ी पर पड़ेगा। 

यह योजना एक साथ अनेक उद्देश्यों को करेगी पूर्ण 

इतिहास विभाग के विषय विशेषज्ञ एवं सदस्य सुरेंद्र कुमार का कहना है कि यह योजना एक साथ अनेक उद्देश्यों को पूर्ण करती है। इसका सीधा सा प्रभाव शैक्षणिक वातावरण पर पड़ेगा। हम लोग चयनित छात्रों के लिए उच्च कोटि की समकालीन प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप अध्यापन करेंगे, जिससे अधिक से अधिक छात्र सफल हों एवं इनके घर-परिवार को विषम परिस्थितियों से न गुजरना पड़े।

छात्र बोले...

एमए तृतीय सेमेस्टर के छात्र अभिषेक उपाध्याय का कहना था कि यह हम सभी छात्रों के लिए बहुत ही अच्छा प्लेटफॉर्म है। परीक्षा में प्रश्न पत्र स्तरीय था। यह निश्चित रूप से तैयारी के हिसाब से पेपर था। इसमें सभी विषयों से प्रश्न थे।

बीए तृतीय के छात्र शिवम सिंह का कहना था कि यह बहुत बड़ी योजना है। इससे हम लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

एमए प्रथम सेमेस्टर के शमशेर यादव का कहना था कि अपने महाविद्यालय की यह योजना पूरे जनपद में चर्चा का विषय है। अब दूसरे महाविद्यालय भी इस योजना को लागू करने पर विचार कर रहे हैं।

एमए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा सुरभि सिंह ने कहा कि हमें यही पर नेट/जेआरएफ की तैयारी का मौका मिलेगा। परीक्षा का स्टैण्डर्ड अच्छा था। कुछ प्रश्न घुमाकर पूछा गया था।

इसी तरह एमए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा अवंतिका सिंह का कहना था कि हमे प्रोफेसर की तैयारी का मौका मिलेगा। अच्छी गाइडलाइंस मिलेगी। एक परिवार की तरह हमें तैयारी का मौका मिलेगा। इसमें आर्थिक बाधा नहीं आयेगी।

चयनित छात्रों को कराई जायेगी यह तैयारी

इस परीक्षा में से चयनित छात्रों को प्रशासनिक सेवा (आईएएस/पीसीएस, यूजीसी नेट/जे आरएफ, असिस्टेंट प्रोफेसर, पीजीटी/टीजीटी, बीएड, यूपी(टेट/सीटेट/सुपर टेट इत्यादि की विधिवत तैयारी करायी जायेगी।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ सत्य प्रकाश सिंह, डॉ फूल बदन सिंह, डॉ अशोक सिंह, डॉ अजय बिहारी पाठक, डॉ संजय, डॉ सच्चिदानन्द, डॉ दिव्या मिश्रा, डॉ. हरिशंकर सिंह, डॉ. अवनीश जगन्नाथ, उमेश यादव, अनिल कुमार गुप्ता, डॉ. अमित कुमार सिंह, पुनिल कुमार, मनोज सिंह, रजिंदर, प्रभुनारायण, बब्बन प्रसाद सहित समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की।

नोट : अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक टेलीग्राम चैनल-https://t.me/kspgcfcballia एवं वेबसाइट पर पूरी जानकारी मिलेगी।

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