शब्दों की श्रृंखला से बलिया के अभिषेक मिश्रा ने नये भारत के युवाओं स्वतंत्रता दिवस पर कुछ यूं किया प्रेरित

शब्दों की श्रृंखला से बलिया के अभिषेक मिश्रा ने नये भारत के युवाओं स्वतंत्रता दिवस पर कुछ यूं किया प्रेरित

नए भारत के युवा

उठ जाग खड़ा हों नए भारत के युवा तू।
तुझको भारत हैं देख आज पुकार रहा।।

सन् सैंतालीस में हुआ आज़ाद भारत।
तुझको कुछ करने को दे आवाज़ रहा।।

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थे वो भी वीर सपूत इस धरती मां के ही।
जिसने इस धरती के खातिर प्राण दिया।।

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एक तू कैसा युवा हैं जन्मा सन् 2000 में।
जो इंस्टा पर चैटिंग करने में हों बर्बाद रहा।।

थे वो भी वीर धरती मां के ही बेटे जिसने।
इस भारत को था एक नई पहचान दिया।।

हैं तू भी तो इस धरती मां का ही बेटा।
फिर क्यों इस पब्जी पर दे जान रहा।।

पर्दे में रहने वाली बेटी ने भी दी कुर्बानी थी।
झांसी की रानी सी जन्मी एक महारानी थी।।

हैं आज कल कि ये कैसी नई वीरांगना।
जो इंस्टा पर रिल्स दिन रात बनाती हैं।।

उठ जाग खड़ा हों नए भारत के युवा तू।
तुझको भारत हैं देख आज पुकार रहा।।

उस वक्त कि माताएं कहती अपने सपूत से।
बनकर शेर तू जाकर लड़ना रण भूमि में।

चाहें कुशल तुम लौटो या ना लौटो घर पर।
पीठ दिखा कर न आना छोड़ रणभूमि को।।

शत् शत् नमन करता हूं उन माताओं को।
जिसने ऐसे वीर सपूतों को था जन्म दिया।।

था मंगल पांडेय सा बागी योद्धा जो 1857 में।
अंग्रेज शासकों से कर लिया खुला बगावत था।।

था भगत सिंह सा एक क्रांतिकारी योद्धा।
जो 23 वर्ष में फांसी के फंदों पर लटका।।

थे ऐसे ही कई वीर सपूत बिस्मिल, तात्या टोपे। 
सुभाष, आजाद जो बांध कफन सिर पर चलते थे।।

चलो जय हिन्द बोले उन वीर सपूतों को।
जिसने आजादी के खातिर प्राण गंवाए थे।।

उठ जाग खड़ा हों नए भारत के युवा तू।
तुझको भारत हैं देख आज पुकार रहा।।

कब तक बना रहेगा यूंही शांत घर पर अपने।
हाथों में थामे 5g फ्री डाटा का उपयोगकर्ता।।

इस इंस्टा, फेसबुक, व्हाट्सएप के चक्कर मे।
क्यूं तुम सब अपनी नई जवानी बर्बाद करता।।

बड़ी संघर्ष से हैं मिली आजादी इस भारत को।
क्यों नहीं इस देश को नई दिशा प्रदान करता।।

कई वर्ष हुए आजादी के इस भारत को।
पर आज भी यह न विकसित देश बना।।

जो आपसी कलह कलेश के कारण।
कई सौ वर्षों पहले था परतंत्र हुआ।।

पंद्रह अगस्त सन् सैंतालीस में इन वीरों ने।
इस भारत मां को पूर्ण स्वतंत्र था करवाया।।

उनके बलिदानों के कारण ही आज युवा।
हैं आज़ादी का 78वां महोत्सव मना रहा।।

उठ जाग खड़ा हों नए भारत के युवा तू।
तुझको भारत हैं देख आज पुकार रहा।।

अभिषेक मिश्रा पुत्र शिवजी मिश्रा 
निवासी : ग्राम+ पोस्ट-चकिया, तहसील-बैरिया, जिला- बलिया, उत्तर प्रदेश।
 
चकिया गांव एक ऐसा गांव हैं, जिसने डॉ केदार नाथ सिंह जैसे बड़े सुप्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार को जन्म दिया। ऐसे ही कई दिग्गज इस गांव से हैं।

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