बलिया पुलिस कार्यालय पहुंचे अजय तिवारी : बोले- मेरा अपहरण नहीं हुआ था, मैं...




बलिया : रहस्यमय परिस्थितियों में अपहृत/लापता हुए अजय कुमार तिवारी 8 दिन बाद स्वयं पुलिस कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका अपहरण नहीं हुआ था। वे परिवारिक विवाद से परेशान होकर खुद ही घर से चले गए थे। सुखपुरा थाना पुलिस टीम द्वारा .अजय तिवारी की सकुशल बरामदगी/वापसी के तथ्यों का साक्ष्यों के क्रम में मिलान कराया जा रहा है। अन्य विधिक कार्यवाही की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 04 मई 2025 को सुखपुरा थाना पर पंजीकृत मुकदमा धारा 191 (2), 191 (3), 115 (2), 351 (3), 140 (3) बीएनएस बनाम चन्द्रमा यादव पुत्र स्व. विश्वनाथ यादव आदि (निवासी : घोसवटी, थाना सुखपुरा, बलिया) से सम्बन्धित अपहृत अजय कुमार तिवारी की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने कई टीमें गठित किया था। पुलिस टीमें अपहृत अजय कुमार तिवारी की बरामदगी के लिए जगह जगह सीसीटीवी फुटेज व इलेक्ट्रानिक माध्यम से पतारसी सुरागरसी की जा रही थी।
इसी क्रम में 12 मई 2025 की सायं अपहृत अजय कुमार तिवारी पुलिस कार्यालय बलिया में स्वयं उपस्थित हुए, जहां पर उनके द्वारा स्पष्ट रूप से बताया गया कि मेरा कोई अपहरण नहीं हुआ था। मै स्वयं से चला गया था और आज यहां स्वयं से उपस्थित हो गया हूं। अजय कुमार तिवारी द्वारा बताया गया कि 30 अप्रैल 2025 को मेरे लडके महामृत्युजंय तिवारी व मेरे परिजनों के साथ हुई मारपीट की घटना के सम्बन्ध में थाना सुखपुरा पर मुकदमा भी पंजीकृत है।
चूंकि एक गांव में रहने के चलते विपक्षियों द्वारा की जाने वाली मारपीट से मैं व्यथित था। इस वजह से 03/04 मई 2025 की रात करीब एक से दो बजे के बीच मैं अपनी पत्नी को बता कर घर से निकल गया था। मैं घर से निकल कर पैदल ही खेत के रास्ते होते हुए बरवां से बलिया होते हुए गंगा जी के किनारे-किनारे जमनिया चन्दौली बार्डर तक चला गया। बीच बीच में मुझे कही कोई खाना दे देता था तो मैं वही खा लेता था। 11 मई 2025 को मुझे अचानक चिंता हुई कि मैं घर से बाहर निकल गया हूँ।
मेरे परिवार वाले परेशान हो रहे होंगे, इसलिए मैं पुनः अपनी मर्जी से जमनिया से ट्रेन पकडकर वापस बक्सर आया और बक्सर से ऑटो पकड़कर बलिया आया। बलिया से मैं नारायण पाली थाना गड़वार क्षेत्र में गया, जहां पर मैं अपने कई परिचितों से मिला। उनमें से कुछ परिचितों ने बताया कि आपके घर वालों ने अपहरण का मुकदमा सुखपुरा थाने पर लिखवाया है। आप पुलिस के समक्ष उपस्थित होकर अपनी पूरी बात बताईये तो मैं 12 मई 2025 को पैदल ही पुलिस कार्यालय बलिया में उपस्थित होकर अपनी बात बताया कि मैं अपनी मर्जी से गया था। मेरा किसी ने अपहरण नहीं किया गया था।


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