बलिया। बैरिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर हम (क्षत्रिय) श्रीरामचंद्र के बंशज हैं तो उनके आदर्शों को भी अपनाना होगा। संकट में जो क्षत्रप बनकर खड़ा रहता है, वही असल में क्षत्रिय होता है। चिलकहर ब्लाक के मटिही गांव में शुक्रवार को क्षत्रिय भारत महासभा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए विधायक ने कहा, आज की राजनीति में विकृति आ गई है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियां अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़ी आदि को मंत्र की तरह जाप कर रही है। यह जाप ठीक है, लेकिन जिन जातियों ने भारत की अस्मिता, संस्कार को बचाए रखा उन्हें उसका भी नाम लेना चाहिए। जो जातियां अपनी साधना, त्याग, तपस्या से समाज को संस्कार दिया, यदि उसको कुछ दे नहीं सकते तो उसका अपमान भी नहीं करना चाहिए। वोट की राजनीति के लिए कांग्रेस ने समाज व देश का बंटवारा किया।
आज अपनों ने हमें सम्मान देने के लिए समारोह रखा। अपनों के बीच सम्मान पाना असाधारण है। जो अपनों को छोड़ देता है, वह कहीं का नहीं होता। उन्होंने कहा आधा छोड़ पूरा को धावे, आधा मिले न पूरा पावे। अगर हम श्रीराम चंद्र जी के आदर्श को अपना ले तो यह पृथ्वी स्वर्ग जैसी हो जाएगी। श्रीराम पिता के वचन को पालन करने के लिए बन चले गए। आज बुढ़ापे में माता-पिता को लोग वृद्धा आश्रम भेज रहे हैं।श्री रामचंद्र जी ने सिर्फ अपने माता-पिता का ही श्राद्ध नहीं, बल्कि पशु पक्षियों तक का श्राद्ध किया। अगर महाराणा प्रताप जैसे वीर पुरुष नहीं होते तो सैकड़ों की सेना लेकर आए आक्रमणकारी भारत को गुलाम बना दिये होते। 6000 फीट की ऊंचाई पर भारत की सेना चढ़कर देश की सेवा कर रही है। इसका श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई को जाता है। उन्होंने सेना का मनोबल बढ़ाते हुए यह व्यवस्था किया कि अगर कोई सेना का जवान शहीद होता है तो उसके शव को राष्ट्रीय सम्मान के साथ उसके घर पहुंचाया जायेगा।
विशिष्ट अतिथि क्षत्रिय भारत महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ महामंत्री अनिल सिंह ने कहा कि क्षत्रिय भारत महासभा का गठन श्री रामचंद्र जी के आदर्शों पर चलने के लिए किया गया है। देश की आजादी से लेकर देश की सेवा में हमारा समाज बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। 546 रियासतों में 513 रियासतें सिर्फ राजपूत समाज की थी। हमने तो त्याग किया, फिर भी हम उपेक्षित हैं। इसके पूर्व सुरेंद्र सिंह एवं अनिल सिंह को अंग वस्त्र देखकर सम्मानित किया गया। वहीं विधायक सुरेंद्र सिंह को महाराणा प्रताप एवं अनिल सिंह को श्री रामचंद्र जी की तस्वीर स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गई।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
राष्ट्रीय महासचिव नितेश सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री हरिकेश सिंह, डिंपल सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, डॉक्टर कृष्ण शंकर सिंह, मोहन सिंह, रजनीकांत सिंह, राहुल सिंह, प्रमोद सिंह, करनेश सिंह, भूषण सिंह, संजय सिंह, अशोक सिंह, योगेन्द्र सिंह, वीरेंद्र सिंह, राणशेर सिंह, विकास सिंह, दीपक सिंह, हरेंद्र सिंह, वेद प्रकाश सिंह, दिलीप सिंह,अमित सिंह, लड्डू सिंह, उपेंद्र सिंह, तेज बहादुर सिंह, अवनीश सिंह, विजय सिंह, सर्वजीत सिंह, तीर्थराज सिंह, बलवंत सिंह, मुकेश सिंह, संदीप सिंह, सनी सिंह, राहुल सिंह, लक्ष्मण सिंह,अमर नाथ सिंह, नागेश सिंह, रणजीत सिंह, प्रमोद सिंह, कमल सिंह सहित आदि लोग रहे। अध्यक्षता प्रेम शंकर सिंह एवं संचालन चंदन सिंह ने किया।
वीरेन्द्र सिंह
Comments