Teacher's composition : रात इकाई, नींद दहाई, ख्वाब सैकड़ा, दर्द हजार...
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रात इकाई, नींद दहाई
ख्वाब सैकड़ा, दर्द हजार
जियो सरलता से ये जीवन
नहीं है मिलता बारम्बार
कुछ पाना है गर दुनिया में
किए जा मेहनत, हो आबाद
खुद का साया भी दिखता है
खिली धूप आने के बाद
कोई फेंके पत्थर दरिया में
उठती है लहरों की निशानी
शांत चित्त तू खुद को करले
मन में हो कोई परेशानी
असफलता में छुपी सफलता
कर प्रयास तुम इसे भुनाओ
जीवन की रपटीली डगर को
निष्कंटक ऋजु मार्ग बनाओ
सुनील सागर, Assistant Teacher, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बाँसडीह, बलिया।
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