प्रतिभा को सलाम-01 : Online पढ़ाई की कहानी-बलिया के शिक्षक-शिक्षिकाओं की जुबानी
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लॉकडाउन और ऑनलाइन शिक्षा
कहते है जहां चाह वहा राह। किसी ने सोचा नहीं था कि ऐसे दिन भी आ सकते है। अचानक से सारे स्कूल कॉलेज बंद हो जायेंगे व बेसिक के बच्चों की परीक्षा बगैर अगली क्लास में प्रमोशन देकर ऑनलाइन पढ़ाना पड़ेगा, पर वैश्विक महामारी कोरोना के चलते ऐसा करने का फरमान जब शिक्षक कुछ परेशान जरूर हुए। बावजूद शासन के फरमान को अमली जामा पहनने में जनपद के शिक्षक सफल हो रहे है। प्रस्तुत है ऑनलाइन पढ़ाई की कहानी जनपद बलिया के अध्यापक अध्यपिकाओं की जुबानी...
कुसुमलता गुप्ता
लॉकडाउन से सभी विद्यालय बंद है। शिक्षा क्षेत्र के उच्च पदाधिकारियों के आज्ञा अनुसार हमने प्राथमिक विद्यालय चौकिया, शिक्षा क्षेत्र -सीयर पर प्रधानाध्यापक विजय शंकर गुप्ता के सहयोग से अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों के नंबर लेकर विद्यार्थियों का एक व्हाट्सप्प समूह बनाया। प्रतिदिन पठन-पाठन का कार्य आरंभ किया है, जिसमें बच्चों को कार्य दिया जाता है तथा वाट्सअप पर पेन की सहायता से उनकी कॉपी चेक की जाती है। वीडियो कॉल से उनको पढ़ाया व समझाया जाता है। voice clip द्वारा बच्चों के मनोरंजन के लिए कुछ अंग्रेजी, हिंदी के पोयम गाए जाते है। कहानियां सुनाई जाती है, जिससे छात्रों में उत्साह बना रहे। आज में अपने प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक के सहयोग से ऑनलाइन क्लास चलाने मे सफल हूँ। ई-सामग्री हेतु दीक्षा ऐप, मिशन प्रेरणा समूह व ई-पाठशाला समूह का सहयोग लेकर इस विषम परिस्थिति से दो सफल हूं।
कुसुमलता गुप्ता, सअ
प्राथमिक विद्यालय चौकिया
शिक्षा क्षेत्र-सीयर
मैं सहयोगी अध्यापक श्रीमती मोनी शर्मा एवं शिक्षामित्र संतोष यादव के सहयोग से 16 दिन पहले Online Class शुरू किया। हम अपने विद्यालय का एक ग्रुप बच्चों से मिलकर बनाये है। प्रतिदिन प्रत्येक विषय को पढ़ाते हैं। गृह कार्य भी देते हैं। दूसरे दिन हम गृह कार्य को जांच कर बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज के द्वारा भेजते हैं। बच्चों और अभिभावकों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। बच्चे उत्सुकता से कार्य करते और नई विधि से बहुत खुश है।
सुनील कुमार राय
सुनील कुमार राय, प्रधानाध्यापक
प्राथमिक विद्यालय चकचमनिईया
शिक्षा क्षेत्र गड़वार, बलिया
लाकडाउन के कारण सभी लोग परेशान है।सबसे भारी समस्या गरीब बच्चो को हो गयी, क्योंकि उनकी शिक्षा ब्यवस्था बेपटरी होने लगी। उसके बाद शासन का आदेश आया कि सभी शिक्षको को अपने स्कूल अनुसार एक ग्रूप बनाकर अभिभावक का मोबाईल नं. जोड़कर सभी बच्चो को सभी शिक्षक पढ़ाये।
कुछ अभिभावक का फोन लेकर वार्ता की और एक स्कूल के नाम से ग्रूप बनायी। अभिभावको को जोड़ना शुरू की। कुछ अभिभावक जुड़े तो हम शिक्षक प्रतिदिन ग्रूप में video clip बनाकर और कापी पर लिखकर होमवर्क देना शुरू की। कुछ बच्चे पढ़ना शुरू किये। फिर समस्या आई कि रिचार्ज और कापी पेन नही है तो मैने रिचार्ज करवाई और बच्चो को हर विषय की कापी और कलम किसी दुसरे के माध्यम से बंटवाई। कुछ दिन बाद अभिभावक से मैने मुलाकात की तो अभिभावक बोले की मेरे पास मोबाइल नही है। मेरे बच्चे नही पढ़ेगे। तो मैने उसी गांव की एक लड़की प्रिया राजभर से मुलाकात की। वह B.com की छात्रा है। वह सहयोग कर रही है। शासन से आग्रह है कि आने वाले समय में हर बच्चो को एक लैपटाप देने की कृपा करे, ताकि हम सभी शिक्षक साथी अपने शिक्षा को आगे बढ़ाने में सफल रहे।
रंजना पांडेय
रंजना पांडेय, प्रधानाध्यापक
प्रावि राजभर बस्ती
शिक्षा क्षेत्र-चिलकहर, बलिया
लॉकडाउन में तकनीकी के माध्यम से प्राथमिक के बच्चों की शिक्षा हेतु मैं कला क्राफ्ट व इ सामग्री तैयार कर बच्चों के व्हाट्सप्प पर भेजती हूं। साथ ही साथ मिशन प्रेरणा व इ-पाठशाला फेसबुक समूह से सामग्री डाऊनलोड कर अपने विद्यालय के बच्चों को भेजती हूं। मुझे अपने विद्यालय परिवार व बच्चों का सहयोग मिल रहा है l इस विषम परिस्थिति मे बच्चों की प्रतिभा को बढ़ाते हुए विश्व व्यापी कोरोना महामारी एवं भारत को जीताने में अहम भूमिका निभाते हुए मै एक तुच्छ प्रयास बच्चें के लिए कर रही हूं।
चिन्ता
कुमारी चिन्ता, सहायक अध्यापक
प्रावि संवरा (अंग्रेजी माध्यम)
शिक्षा-क्षेत्र-चिलकहर, बलिया
संकलन : नन्दलाल शर्मा
प्रधानाध्यापक
प्राथमिक विद्यालय तेतरा, सीयर बलिया
संकलन : नन्दलाल शर्मा
प्रधानाध्यापक
प्राथमिक विद्यालय तेतरा, सीयर बलिया
Tags: बलिया
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