बलिया : पकड़ा गया खूंखार बंदर, पिंजड़े से भी दिखा रहा था खौफनाक चेहरा
मझौवां/रामगढ़, बलिया। हल्दी व रेवती थाना क्षेत्र अंतर्गत मझौवां तथा दिघार में 20 दिनों से आतंक के पर्याय बने आदमखोर बंदर को वन विभाग ने गुरुवार को पकड़ लिया। पिंजड़ा में कैद होने के बावजूद बंदर इतना भयानक आवाज निकाल रहा था कि लोग कांप जा रहे थे। डर से लोग पिंजड़ा के आसपास भी जाना उचित नहीं समझ रहे थे।
बता दे कि 20 दिनों में बंदर ने एक दर्जन से अधिक लोगों को काट कर घायल कर दिया है। बंदर के शिकार पीडब्ल्यूडी का एक कर्मचारी वाराणसी में उपचार करा रहा है। वहीं, बुधवार को बंदर के हमले से घायल एक निजी स्कूल के गार्ड को 22 टांके लगाने पड़े। खूंखार बंदर से गांव में दहशत व भय का माहौल कायम हो गया था। लोग तपिश भरी गर्मी में भी रात हो या दिन घर में छिपे रहते थे। बहुत जरूरी होने पर ही लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे थे। गुरुवार की सुबह ही आदमखोर बंदर ने आतंक मचाना शुरू कर दिया।
ग्रामीणों ने लाठी डंडा लेकर बंदर को घेरा, जिसके बाद बंदर एक सुनसान घर में घुस गया। लोगों ने समझदारी दिखाते हुए दरवाजा बंद कर दिया। प्रधान प्रतिनिधि मनोज यादव की सूचना पर अपनी टीम के साथ पहुंचे वन विभाग के रेंजर पीके शर्मा ने पिंजड़ा मंगवाया। भारी भरकम पिंजड़े को ग्रामीणों की मदद से जिस घर में बंदर घुसा था, उसके मुख्य गेट पर लगाया गया। तीन घंटे की मशक्कत के बाद बंदर पिंजड़े में आया, तब लोगों ने राहत की सांस ली।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मनोज यादव द्वारा पिकअप मंगवा कर बंदर को वन विभाग की टीम के साथ बलिया भिजवाया गया। रेंजर पीके शर्मा ने बताया कि बंदर काफी खूंखार है। इसको जिले व आसपास छोड़ना खतरे से खाली नहीं है। पहले इसका इलाज किया जाएगा, फिर एक्सपर्टकीं देखरेख में रखा जाएगा। बंदर की हालत ठीक होने पर इसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा। रेस्क्यू करने वाली टीम में राजू प्रसाद उप क्षेत्रीय अधिकारी, विजय यादव वन दरोगा, अरविंद कुमार वन रक्षक, बरमेश्वर राम, राजू यादव, विष्णु वर्मा, धनेश्वर, प्रेम किशोर, मझौंवा प्रधान धर्मवीर सिंह सहित ग्रामीण युवाओं का सहयोग रहा।
हरेराम यादव/अर्जुन साह
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