बलिया में बधू बनने से बची बालिका, ऐसे रूका बाल विवाह

बलिया में बधू बनने से बची बालिका, ऐसे रूका बाल विवाह


बलिया। साहसिक सामाजिक कार्यकर्ता रविचन्द्र प्रसाद (निवासी-रक्सा डैनिया, थाना पकड़ी) की पहल पर न्यायपीठ बाल कल्याण समिति ने परिणय सूत्र बंधन से पहले ही बाल विवाह रोकवा दी। समिति के निर्देश पर बालिका के घर पहुंची चाइल्ड लाईन बलिया, पकड़ी थाना पुलिस, जिला बाल सरक्षण ईकाई व महिला शक्ति केंद्र बलिया की टीम ने बालिका के साथ ही परिवार की काउंसलिंग की। टीम ने बताया कि 18 साल के बाद ही बालिका का विवाह वैध है। बालिका के अभिभावक (बाबा) रामकृपाल राम ने शपथ पत्र दिया कि 18 साल पूरा होने के बाद ही वे अपनी नतिनी की शादी करेंगे। सभी टीम के प्रयास से एक बालिका बालबधू होने से बच गयी।

पकड़ी थाना क्षेत्र के रक्सा डैनिया निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रविचन्द्र प्रसाद ने अपने गांव में होने बाले बाल विवाह की सूचना साक्ष्य के साथ (शादी के कार्ड व बालिका के जन्म प्रमाण पत्र) न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। बताया कि उसके गांव की आरती पुत्री स्व. अर्जुन राम की शादी मनोज कुमार पुत्र रविन्द्र राम (निवासी-उकछी) के साथ 22 जून 2020 को लड़की के बाबा रामकृपाल राम की देखरेख में हो रही है। जबकि आरती की उम्र 14 वर्ष ही है। 
यह बाल विवाह रुकना चाहिए। 

न्यायपीठ बाल कल्याण समिति बलिया के न्यायिक सदस्य राजू सिंह ने पूर्वांचल24 से बताया कि  सामाजिक कार्यकता रविचंद्र प्रसाद के आवेदन पत्र पर त्वरित कार्यवाही करते हुए चाइल्ड लाइन बलिया, थानाध्यक्ष पकड़ी, जिला बाल सरक्षण ईकाई व महिला शक्ति केंद्र बलिया को बालिका के घर जाकर काउंसलिंग करने का निदेश दिया गया, ताकि नाबालिग होने की दशा में विवाह रूक सकें।

बाल विवाह रोकने में इनकी रही भूमिका

बाल विवाह रोकने में थानाध्यक्ष पकड़ी, न्यायपीठ के अध्यक्ष/सदस्य प्रशांत पांडेय, राजू सिंह, अनिता तिवारी व जिला महिला कल्याण अधिकारी पूजा सिंह, पूनम राजभर, जिला संरक्षण अधिकारी विनोद सिंह, चाईल्ड लाईन के कमल किशोर चौबे, गनेश जी, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, रामविलास राम इत्यादि का प्रयास सराहनीय रहा।   

बाल विवाह दंडनीय अपराध : राजू सिंह



न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के न्यायिक सदस्य राजू सिंह ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत शादी के लिए बालिका की उम्र 18 साल व बालक का उम्र 21 साल जरूरी है। नाबालिक से विवाह करने पर अधिनियम की धारा-9 के तहत 2 साल का कारावास व एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है। धारा-10 के तहत बाल विवाह के लिए दुशप्रेरित करना, विवाह का संचालन करना, शादी कराने में सहयोग करना भी दडंनीय अपराध है।ऐसा करने पर भी 2 साल का कारावास व एक लाख रुपये दंड का प्रावधान है। बाल विवाह की सूचना चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नम्बर 1098, महिला शक्ति केंद्र या न्यायपीठ बाल कल्याण समिति को दी जा सकती है।


भोला प्रसाद, बलिया

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