बड़ी दिलचस्प है चक्रवातों के नामकरण की कहानी, जानें बलिया के पर्यावरणविद् की जुबानी

बड़ी दिलचस्प है चक्रवातों के नामकरण की कहानी, जानें बलिया के पर्यावरणविद् की जुबानी


बलिया। अमरनाथ मिश्र पीजी कालेज दूबेछपरा के पूर्व प्राचार्य भूगोलविद् एवं पर्यावरणविद् डा. गणेश पाठक ने चक्रवातों के नामकरण की कहानी पूर्वांचल24 से शेयर किया, जो बेहद दिलचस्प है। 

डा. पाठक ने बताया कि प्रत्येक चक्रवात का अपना एक नाम होता है। समुद्र से उठने वाले किसी भी  चक्रवातीय तूफान का नामकरण करने हेतु अंग्रेजी अक्षर के अल्फावेट( वर्णमाला ) के अनुसार एक सूची पहले से ही तैयार रहती है। लेकिन अल्फावेट में क्यू, यू, एक्स, वाई एवं जेड अक्षरों से शुरू होने वाले नामों का प्रयोग नहीं किया जाता है।

भूगोलविद् एवं पर्यावरणविद् डा. पाठक ने बताया कि चक्रवातों के नामकरण का शुरूआत 1950 से हुई। इसी वर्ष से आंध्र महासागर एवं पूर्वीं-उत्तरी प्रशान्त महासागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले चक्रवातीय तूफानों के नामकरण हेतु 6 नामों की सूची तैयार की गयी।इनमें से एक नाम का चयध किया जाता है। आंध्रमहासागरीय क्षेत्र में आने वाले तूफानों के लिए अलग से 21 नामों की सूची तैयार की गयी।

डा. पाठक ने बताया कि हिन्दमहासागर से उठने वाले चक्रवातों के नामकरण के संदर्भ में दक्षिणी ; पूर्वी एशिया के देशों बांग्लादेश, भायत, मालदीव, म्यानमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका एवं थाईलैंड द्वारा आठ- आठ  नामों की सूची 2004 में दी गयी और इसी वर्ष से इस क्षेत्र के समुद्री चक्रवातों का नामकरण प्रारम्भ हो गया। इस तरह इन देशों की सूची में  कुल 64 नाम शामिल किए गए, जिनका प्रयोग वर्ष 2019 तक करना था। किन्तु चूँकि 2019 तक नामों का प्रयोग किए जाने के बाद एक नाम शेष रहा गया जो थाईलैंड द्वारा दिया गया अंतिम नाम था। इसलिए 2020 से प्रारम्भ होने वाली नयी सूची से नाम न लेकर इस बचे हुए नाम 'अम्फान' को ही 2020 के पहले चक्रवात का नामकरण किया गया। थाईलैंड की भाषा में 'अम्फान' का अर्थ होता है 'बिल्ली'।

डा. पाठक ने यह भी बताया कि चक्रवातीय तूफानों के नामकरण के लिए सम एवं विषम वर्षों का प्रयोग किया जाता है। सम वर्ष जैसे- 2002, 2008, 2014 में यदि चक्रवातीय तूफान आया है तो उसके लिए सूची में से पुरूष आधारित नाम का चयन किया जाया है, जबकि विषम वर्ष में आने वाले तूफानों जैसे-2003, 2007, 2011, 2015 एवं 2019 में आने वाले तूफानों के लिए सूची में से स्त्री आधारित नाम का चयन किया जाता है। यद्यपि कि इस वर्ष अर्थात 2020 सम वर्ष है, इस आधार पर पुरूष नाम होना चाहिए, किनःतु चूँकि यह नाम 2019 वर्ष का बचा हुआ नाम है, इसलिए स्त्री नाम ( अम्फान- बिल्ली) होते हुए भी इस लर्ष के लिए इस नाम का चयन कर लिया गया और इस तरह यह 2020 का यह पहला चक्रवातीय तूफान है।

डा. पाठक ने यह भी बताया कि एक नाम 6 वर्ष के  अन्दर दोबाराप्रयैग में नहीं लाया जाता है। यही नहीं यदि किसी तूफान से भयंकर  तबाही होती है तो उसे सूची से बाहर कर दिया जाता है। डा. पाठक के अनुसार अम्फान तूफान आने की सूचना मई के प्रथम सप्ताह में ही हो गयी थी। किन्तु उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियाँ नहीं बनने के कारणयह तूफान सक्रिय नहीं हो सका और धीरे- धीरे 12 मई से गति पकड़ना प्रारम्भ किया तथा 14 - 15 मई से तेजी से आगे बढ़ने लगा। 

एक बार अनुमान लगाया गया कि यह 16 मई को ही उड़ीसा के तट से टकरायेगा। फिर 18 मई के लिए आँकलन किया गया किन्तु अन्ततः 20 मई अपरान्ह 2.50 बजे यह भयंकर तूफान का रूप ग्रहण कर उड़ीसा के तट से 160- 190 किमी प्रति घंटा की गति से टकरा कर तबाही मचाते हुए प० बंगाल के क्षेत्र में 29 एवं 21 मई को भयंकर तबाही मचाते हुए आगे बांग्लादेश एव़ म्यानमार तक बढ़ता गया ओर पूर्वोत्तर भारत के राजयों सहित पूर्वी बिहार के जिलों में भी अपना प्रभाव दिखलाया। 

डा. पाठक ने बताया कि अपने देश में चक्रवातीय तूफानों के नामकरण की 2004 में जब शुरूआत हुई तो बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यानमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका एवं थाईलैंड द्वारा चकँवातों के नामकरण की अपने -अपने देशों की सूची बनाकर 'विश्व मौसम विज्ञान संगठन' को प्रस्तुत किया और अभी तक इन देशों में कहीं पर तूफान आता रहा तो इसी सूची में से बारी- बारी से एक नाम का चयन किया जाता रहा है, जो इस प्रकार है

तूफान के नामों की सूची

1.बांग्लादेश-ओनील, ओग्नी, गिरि, हलेन, चपाला, ओक्कषी, फानी।
2.भारत-अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लहर, मेघ, सागर, वायु।
3.मालदीव-हिबारू, गोनू, ऐला,केइला, माडी, रोआनू, माइनू,हीका।
4.म्यांमार-प्यार, थेमाईन, फाइयान, थाबो, ना- नौक, क्यांत, दाय, क्यार्ब।
5.ओमान- बाज, सीडर, वार्ड, मुर्जन, हुदहुद, नाडा, लुबान,माहा।
6.पाकिस्तान-फानूस, नरगिस, लैला, नीलम, नोलोफर, वरदह, तितली, बुलबुल।
7.श्रीलंका- माला, रश्मि, बांदू, महासेन, प्रिया, असीरी, जीगुम,सोबा।
8.थाईलैंड-मुक्दा, खायन्मुक, फेट, फैलीन, कोमेन, मोरा, फेथाई, अम्फान

नोट : अभी 2020 के अन्य तूफानों एवं उससे आगे के वर्षों के तूफानों की सूची जारी नहीं हुई है।

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