बलिया : नहीं रहे 'तुम अकेले को नहीं कुछ कम समझना' के रचनाकार 'मृदुल'
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बलिया। नदी की धार और कटान में गुम हो गए जिले के गांव गंगापुर में जम्मे ब्रह्मेश्वर नाथ शर्मा (बीएन शर्मा 'मृदुल') काशीपुर स्थित आवास पर लंबी बीमारी के बाद लगभग 88 वर्ष की उम्र में देह त्याग किये। असिस्टेंट कमांडेंट पद से अवकाश प्राप्त ब्रह्मेश्वर नाथ शर्मा जीवन के उत्तरार्द्ध में काव्य सृजन की ओर बढ़े और तुम अकेले को नहीं कुछ कम समझना, स्मृतियों के आईने में अपना गांव गंगापुर, सरजमीं के बोध-बिंदु और बंदऊं बाल स्वभाव सुहाना जैसी रचनाएं साहित्य जगत को समर्पित की। आप अपने पीछे अरविंद कुमार शर्मा अधिवक्ता, पुत्रवधू संजू शर्मा, पौत्र अमित कुमार शर्मा और बेटी नीलम राय के अतिरिक्त अन्य पुत्र पौत्रों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। आप मानवीय साहित्यिक मंच बलिया और बलिया हिंदी प्रचारिणी सभा से आजीवन जुटे रहे।
भारतीय सद्भावना मिशन बलिया और हिंदी प्रचार सभा के सदस्यों ने इनके निधन पर शोक श्रद्धांजलि अर्पित की। महामारी करोना की वजह से आवश्यक दूरी का निर्वहन करते हुए प्रोफेसर बी.राम, डॉ. रघुवंशमणि पाठक, डॉ. जनार्दन राय, शिवजी पांडे 'रसराज', जेपी पांडेय, डॉक्टर करूणेश पांडे इत्यादि ने उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए गतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
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