बलिया : प्रभावित किसानों से बात करने पहुंचे अफसर, फिर...
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मझौवां, बलिया। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही के निर्देश पर नायब तहसीलदार सदर जया सिंह व तहसीलदार बैरिया श्रवण कुमार राठौर ने रामगढ़ पुलिस चौकी पर शाहपुर के काश्तकारों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना। तय हुआ कि प्रभावित किसान मंगलवार को खसरा खतौनी के साथ सदर नायब तहसीलदार जया सिंह के समक्ष अपना दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे, ताकि जल्द समाधान किया जा सके।
गौरतलब हो कि गंगापार दियारे के मौजा गंगापुर के बाद शाहपुर में नदी की धारा मोड़ने के लिये खुदायी का कार्य चल रहा है। शाहपुर मौजे के किसान पूर्व के कटान पीड़ित है। प्रभावित भूमि ही उनके जीवीत्कोपार्जन का एक मात्र सहारा है। आरोप है कि चार दिन पूर्व कार्यदायी संस्था काश्तकारों को बगैर सूचित किये उनके जोत भूमि में झंडी आदि के सहारे चिन्हांकन कर खुदायी शुरू कर दी।
इसका विरोध करते हुए आक्रोशित किसानों ने कार्य पर रोक लगा दी। सोमवार को डीएम के प्रतिनिधि के रूप मे सदर नायब तहसीलदार जया सिंह, बैरिया तहसीलदार श्रवण कुमार, नायब तहसीलदार रजत सिंह स्थानीय पुलिस चौकी पर पहुंच किसानों के साथ वार्ता की। किसानों का कहना है कि विभाग पूर्व में कराये गये सर्वे पर ही कार्य करें। किसानों द्वारा यह भी तर्क दिया गया कि कहीं पर अगर आम रास्ता भी निकाला जाता है तो दो सिवानों के बीच से निकाला जाता है।
यहां जबरन प्रभावित मौजे के बीच से ही खुदायी की जा रही है। इससे खुदायी के दोनों दिशाओं की हमारी भूमि का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। इस दौरान कानूनगो श्रीभगवान पाण्डेय, लेखपाल त्रिलोकी सिंह , अवधेश राम, पूर्व प्रधान नागेन्द्र सिंह, किसान उदय सिंह, जीतू सिंह, पप्पू सिंह, नारायण सिंह, परमात्मा सिंह, मुन्ना सिंह, अजय चौबे आदि थे।
कार्य वहीं कराये, जहां
वार्ता को पहुंचे अधिकारियों से मौजा शाहपुर के काश्तकारों ने एक स्वर मे कहा कि साहब आप खुदायी कार्य वहीं कराये, जहां के लिये यह परियोजना बनी है। सवाल किया कि आखिर किस कारण कार्यदायी संस्था परियोजना पूर्व किये गये सर्वे के एक किमी उत्तर ऐन वक्त आनन-फानन खुदायी कराये जाने का प्रयास कर रही है। सुझाव भी दिया कि पूर्व के सर्वे के अनुसार कार्य हुआ तो नदी अपने पहले स्थान पर स्वतः चली जाएगी। उधर प्रभावित किसान राधेश्याम तिवारी, दीनानाथ सिंह, अनिल सिंह आदि ने इससे संबन्धित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंप पूर्व के सर्वे के अनुसार ही खुदायी कार्य कराये जाने की गुहार लगायी है।
जमीन के बदले जमीन दें सरकार
काश्तकारों ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि हमें मुआवजा नही, बल्कि सरकार अधिगृहीत जमीन के बदले जमीन उपलब्ध करा दें। जिससे हम कटान पीड़ितों का जीवीत्कोपार्जन चलता रहे। काश्तकारों ने चेताया कि अन्यथा की स्थिति मे हमारे खेतों से गुजरने वाले पोकलेन मशीने हमारे सीने से होकर ही गुजरेगी। कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि किसानों की बगैर मर्जी उनकी एक इंच भूमि का भी अधिग्रहण बलपूर्वक नहीं किया जा सकता। अगर हमारे साथ ज्यादती हुयी तो न्याय को हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को बाध्य होंगे।
हरेराम यादव
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