सनबीम बलिया में शतरंज प्रतियोगिता 'चतुरंग' का शुभारंभ, बीएसए बोले - खेल से अधिक हैं इसका शैक्षणिक महत्व




बलिया : खेलोगे कूदोगे बनोगे नवाब... उक्ति को चरितार्थ करने के लिए आज की शिक्षण प्रणाली में खेलों को अन्य विषयों की भांति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण माना गया है। वर्तमान समय में विद्यार्थी न सिर्फ परीक्षाओं में, अपितु विभिन्न खेलों में भी सफलता प्राप्त कर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दे रहें हैं। इसी क्रम में विद्यार्थियों के भीतर छुपी ऊर्जा एवं उनकी बौद्धिक प्रतिभा को निखारने के लिए बलिया के सनबीम स्कूल में दो दिवसीय जनपद स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता चतुरंग -2024 का आयोजन किया गया है।
शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि जिला शतरंज संगठन के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह व विशिष्ट अतिथि बीएसए मनीष सिंह तथा जिला शतरंज संगठन के सचिव उमेश सिंह द्वारा कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक डॉ. कुंवर अरुण सिंह तथा प्रधानाचार्या डॉ. अर्पिता सिंह ने अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया। वहीं, जिले की राष्ट्रीय रैंकिंग प्राप्त खिलाड़ी रिया मिश्रा को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। डॉ. देवेन्द्र सिंह ने कहा कि शतरंज खेल इन्डोर का सबसे महत्वपूर्ण खेल है। इसे खेलने से खिलाड़ी का दिमाग तेज होता है। मोबाईल की लत से दूर जाता है, इसालिए चेस को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाना चाहिए।
बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने कहा कि शतरंज का जन्मदाता भारत है। इसके बाद ही यह अमेरिका और यूरोप मे फैला और खेला जाने लगा। चतुराई से खेला जाने वाला खेल का खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंदी को तेज दिमाग के बल पर मात देता है। कहा कि शतरंज का खेल उत्कृष्ट शैक्षिक उपकरण है। इसमें खिलाड़ियों को अमूर्त रूप से सोचने, ठोस रूप से विश्लेषण करने और एक साथ कई विचारों को जोड़ते हुए योजना बनाने की आवश्यकता होती है। यह खेल डिकोडिंग और विश्लेषण, रणनीतिक रूप से सोचने और परिणामों की भविष्यवाणी करने के बारे में है। यह समझ और सामाजिक संपर्क में सुधार करता है। यह छात्रों को दृढ़ता विकसित करने में मदद करता है।
दो दिन तक चलने वाले चैंपियनशिप में जनपद के विभिन्न स्कूलों शेमुषी विद्यापीठ रेवती, ज्ञानकुंज एकेडमी बंशीबाजार, द होराइजन गड़वार, लिटिल फ्लावर स्कूल किडहिरापुर, जमुनाराम चितबड़ागांव, कैस्टरब्रिज स्कूल बसन्तपुर, सेक्रेट हार्ट स्कूल सहरसपाली, सनबीम स्कूल अगरसंडा, सरस्वती बालिका विद्यालय रामपुर, नागाजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय माल्देपुर, प्राथमिक विद्यालय करमपुर नवीन, कंपोजिट स्कूल आसचौरा एवं अनेक परिषदीय स्कूल तथा प्राइवेट स्कूल के बच्चे प्रतिभाग किये है। प्रतियोगिता के प्रथम दिन सभी खिलाड़ियों ने अपने खेलों में सराहनीय प्रदर्शन किया।
यह चैंपियनशिप विभिन्न वर्गो अंडर 11 अंडर 15 तथा ओपेन वर्ग में अपने-अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात देते हुए अगले चक्र में प्रवेश किये। लगभग 183 प्रतिभागियों ने चैंपियनशिप में हाथ आजमाया। कुशल आर्विटर के निर्देशन में दो चक्र के मैच हुए। अंतिम दिन विभिन्न वर्गो के प्रतिभागियो में से पांच चक्र के बाद विजेता घोषित किये जायेंगे। प्रतिभागियों के शतरंज के विसात पर शह मात देते हुए उनमें उत्साह देखते ही बन रहा था। प्रथम दिन बतौर आर्बिटर ओंकार सिंह, आदित्य द्विवेदी, मनोज शर्मा, वीरेन्द्र राय, अभय तिवारी, पंकज सिंह व आकाश सिंह आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के आयोजन में विद्यालय के खेल प्रशिक्षक पंकज कुमार सिंह, उपेंद्र सिंह, सुधीर कुमार सिंह, धीरेन्द्र राय, राजेश सिंह, सरदार अफजल, रामप्रकाश सिंह, संतोष यादव, सतीश कुमार, एलबी रावत, तरुण सक्सेना, प्रीति गुप्ता आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही। संचालन सनबीम स्कूल के बच्चे आयुष और गुनगुन ने किया। सभी के प्रति आभार सचिव चेस संघ बलिया उमेश सिंह ने व्यक्त किया।


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