बलिया : 'संकल्प' के रंगमंच पर दिखा हास्य और करुणा का अद्भुत संगम
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बलिया। कोरोना संकट से उबरते हुए रंगमंच पर रंग कर्मियों की शानदार वापसी हुई, जिसे बलिया के बापू भवन में उपस्थित सैकड़ों दर्शकों ने खूब सराहा। प्रस्तुति की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सैकड़ों लोग खड़े होकर नाटक देखते रहे। दर्शक दीर्घा में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही अपने पूरे परिवार के साथ 2 घंटे तक लगातार बैठे रहे। नाटक का आनंद लेने के साथ उन्होंने कलाकारों का उत्साहवर्धन भी किया। रविवार की शाम को बलिया बापू भवन में संकल्प संस्था द्वारा पुस्तक लोकार्पण एवं नाट्य मंचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विनोद कुमार यादव विमल की पुस्तक 'दो बैलों की आत्मकथा' का लोकार्पण हुआ।
तत्पश्चात महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की अमर कृति बेटी बेचवा नाटक का मंचन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने कहा कि बलिया जैसी जगह पर रंगमंच को खड़ा करना और 16 वर्षों से निरंतर थियेटर करते रहना वास्तव में प्रेरणादायी है। संकल्प संस्था और इसके सचिव रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी की इसके लिए जितनी सराहना की जाए कम है। उन्होंने विनोद विमल को उनके पुस्तक दो बैलों की आत्मा के लिए बधाई दी। कहा कि सेना में रहते हुए अपने व्यस्त जीवन में से पुस्तक लिखने के लिए समय निकालना निश्चय ही महत्वपूर्ण है। बलिया की साहित्यिक और सांस्कृतिक समृद्धि को देखकर सुकून मिलता है। कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। पुस्तक के बारे में सतीश चंद्र कॉलेज में हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीपति यादव ने विस्तार से बताया।
दूसरे सत्र में भिखारी ठाकुर का नाटक बेटी बेचवा का मंचन किया गया। दहेज के अभाव में कम उम्र में लड़कियों की शादी, शादी से पहले लड़की से कोई राय न लेना और सामाजिक विडम्बनाओं तथा लड़कियों व स्त्रियों की दशा और दिशा को उजागर करता यह नाटक दर्शकों के दिलो-दिमाग पर छा गया। हास्य और करुणा का अद्भुत समन्वय दिखा नाटक में। कलाकारों ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को जब चाहा हंसाया तो जब चाहा रूलाया। अपने शानदार अभिनय से लोभा की भूमिका में सोनी और दूल्हे की भूमिका में आनंद कुमार चौहान ने सबका मन मोह लिया।
उपातो बेटी की भूमिका में ट्विंकल गुप्ता की खूब सराहना हुई। पंडित की भूमिका में अनुपम पांडेय और चटक की भूमिका में वैभव उपाध्याय भी मजे हुए कलाकार के रूप में नजर आये। इसके अलावा पुष्पा, संस्कृति, प्रकृति, तारकेश्वर पासवान, चंदन गुप्ता, मुकेश, विशाल की भी भूमिका सराहनीय रही। संगीत निर्देशन विजय प्रकाश पांडेय का था। नाल वादन मृत्युंजय सिंह का। पार्श्वगायन की भूमिका निभाई सुप्रसिद्ध गायक बंटी वर्मा ने और उनका साथ दिया रोहित ने। नाटक की मंच परिकल्पना एवं निर्देशन किया रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने।
कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी ने लेखक विनोद विमल और सभी कलाकारों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। अध्यक्षता जनपद के वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार डॉ जनार्दन तथा संचालन धनंजय राय ने किया। दर्शक दीर्घा में कलाकारों का उत्साह वर्धन करने के लिए भारी संख्या में जनपद के साहित्य, कला प्रेमी उपस्थित रहे।
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