धरती से आसमां तक भक्तिमय : बलिया के परिखरा गांव में शिव महापुराण के बाद राम कथा शुरू

धरती से आसमां तक भक्तिमय : बलिया के परिखरा गांव में शिव महापुराण के बाद राम कथा शुरू

Ballia News : बलिया नगर से सटे परिखरा स्थित बाबा परमहंस नाथ शिव मंदिर के प्रांगण में शिव महापुराण कथा के समापन के बाद राम कथा का आरम्भ काशी से आयीं परम पूज्या आराधना देवी जी द्वारा किया गया। कथा का आरम्भ भगवान राम, मां सीता व मंगलमय हनुमान जी की आरती के साथ हुआ।

पूज्या देवी जी ने बताया कि श्रावण मास भगवान शिव को अति ही प्रिय है। वहीं अधिक मास यानि मलमास भगवान राम को भी अति प्रिय है। यह सौभाग्य की बात है कि शिव कथा के बाद राम कथा भी इस प्रांगण में हो रही है। यह भगवान शिव की ही महिमा है। जिसके कारण महादेव के सबसे प्रिय रामचन्द्र भगवान की कथा का आयोजन इस पावन धरती पर हुआ।

कहा कि भगवान शिव को प्रसन्न करने का इससे सरल उपाय कुछ भी नही है। यदि किसी भक्त के पास जल, भांग, धतुरा, दूध व फूल इत्यादि भले ही भगवान शिव को चढाने के लिए न हो, वह केवल उनके सामने जाकर इतना ही कह दे कि बाबा मैं आपके लिए दो शब्द सीता राम लाया हूं, महादेव गदगद हो जायेंगे। इसके बाद बृंदा देवी की कथा भक्तों को सुनाई। कहा कि राम कथा को सुनने से गंगा नहाने जितना फल सभी भक्तों को प्राप्त होता है। 

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बताया कि निराकार और साकार में कोई अंतर नही है, क्योंकि जल का कोई आकार नही होता है। भक्त जिस रूप में भगवान को देखता है, उसी रूप में भगवान आकर खडे हो जाते हैं। भगवान राम जन्म के कई महत्वपूर्ण कारण थे। जिसमें से एक कारण अपने द्वारपाल जय और विजय को राक्षस बनने के श्राप से मुक्ति दिलाना था। वहीं नारद जी द्वारा भगवान विष्णु को दिये गये पत्नी बियोग का श्राप भी प्रमुख था। साथ ही पति व्रता सती बृंदा का दिया हुआ श्राप था, जिसके पश्चात भगवान राम जी का धरती पर जन्म हुआ।

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कहा कि सती बृंदा के पति जलांधर का वध विष्णु जी ने किया था। साथ ही श्रापित होने के बाद भी भगवान विष्णु ने सती को पति व्रता होने के कारण तुलसी का रूप दिया। वहीं आर्शिवाद दिया कि जिस घर में तुम्हारी पूजा होगी वहां सदैव मैं विराजमान रहूंगा। उस घर में यमराज भी प्रवेश करने से डरेंगे। उस परिवार में सदा ही सुख, शांति और समृद्धि बनी रहेगी। पंडाल में कथा सुन रहीं महिलाओं को कहा कि यह भारतीय नारी की पति व्रता की शक्ति ही थी, जिसके कारण भगवान विष्णु को स्वयं बृंदा के सामने झुकना पडा। इस दौरान पूज्या देवी जी ने राम अवतार का भजन काशी से पधारे शशिकांत महाराज जी के साथ गाया। जिसे सुन हजारों की संख्या में मौजूद श्रोतागण नाचने झूमने लगे।

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