बलिया यूं ही नहीं कहलाता 'बागी बलिया'
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वीरेन्द्र सिंह, पत्रकार
क्रांतिकारी तेवर के लिए उत्तर प्रदेश का बलिया जनपद पूरे देश में अपनी पहचान रखता है। प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित यह जनपद तीन तरफ से नदी एवं बिहार प्रांत से घिरा है। यहां के लोगों के रग-रग में क्रांति है। 1857 में श्रद्धेय मंगल पांडेय के विद्रोही तेवर एवं 1942 में श्रद्धेय चित्तू पांडेय द्वारा 14 दिन तक बलिया पर हुकूमत करने के कारण ब्रिटिश सरकार की जड़े हिल गई थी। यह धरती अपनी आन, बान, शान के लिए कुछ भी कर सकती है। उसका परिणाम क्या होगा? इस पर कभी विचार नहीं करती।
इस धरती ने जयप्रकाश नारायण, चंद्रशेखर जैसे महान राजनेता को जन्म दिया, जो एक संपूर्ण क्रांति के जनक माने जाते हैं। वहीं साहित्य के क्षेत्र में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, पंडित परशुराम चतुर्वेदी, केदार नाथ सिंह जैसे लोगों की जन्मभूमि बलिया है। वीर लोरिक जैसे योद्धा एवं शौर्य पराक्रम के क्षेत्र में मेराज 2000 से पाकिस्तान के बालाकोट में 1000 किलो ग्राम बम गिरा कर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को नष्ट करने वाली टीम के सदस्य में मनियर थाना क्षेत्र के बड़सरी जागीर निवासी प्रशांत सिंह एवं फ्रांस से 7000 किलोमीटर की दूरी तय कर आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल को अंबाला एयर बेस पर सकुशल लैंडिंग करने वाला विंग कमांडर बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के बंकवा निवासी मनीष सिंह को इस धरती ने पैदा किया है।
अमेरिका में प्रसिद्ध मौसम वैज्ञानिक जगदीश शुक्ला की भी यह जन्मभूमि है। ऐसे देश के महान सपूत जो बलिया के धरती से हो तो बलिया का कौन ऐसा व्यक्ति होगा जो इन पर गर्व करता और इतराता न हो। स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला पर ऐसे महापुरुषों को शत-शत नमन है।
अंत में बलिया के लोकगीत गायक स्व. नथुनी सिंह की गीत 'बागी बलिया हउवे भारत के सरताज रे सजनी, जेकर लंदन तक ले गूंज गइल आवाज रे सजनी।'
क्रांतिकारी तेवर के लिए उत्तर प्रदेश का बलिया जनपद पूरे देश में अपनी पहचान रखता है। प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित यह जनपद तीन तरफ से नदी एवं बिहार प्रांत से घिरा है। यहां के लोगों के रग-रग में क्रांति है। 1857 में श्रद्धेय मंगल पांडेय के विद्रोही तेवर एवं 1942 में श्रद्धेय चित्तू पांडेय द्वारा 14 दिन तक बलिया पर हुकूमत करने के कारण ब्रिटिश सरकार की जड़े हिल गई थी। यह धरती अपनी आन, बान, शान के लिए कुछ भी कर सकती है। उसका परिणाम क्या होगा? इस पर कभी विचार नहीं करती।
इस धरती ने जयप्रकाश नारायण, चंद्रशेखर जैसे महान राजनेता को जन्म दिया, जो एक संपूर्ण क्रांति के जनक माने जाते हैं। वहीं साहित्य के क्षेत्र में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, पंडित परशुराम चतुर्वेदी, केदार नाथ सिंह जैसे लोगों की जन्मभूमि बलिया है। वीर लोरिक जैसे योद्धा एवं शौर्य पराक्रम के क्षेत्र में मेराज 2000 से पाकिस्तान के बालाकोट में 1000 किलो ग्राम बम गिरा कर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को नष्ट करने वाली टीम के सदस्य में मनियर थाना क्षेत्र के बड़सरी जागीर निवासी प्रशांत सिंह एवं फ्रांस से 7000 किलोमीटर की दूरी तय कर आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल को अंबाला एयर बेस पर सकुशल लैंडिंग करने वाला विंग कमांडर बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के बंकवा निवासी मनीष सिंह को इस धरती ने पैदा किया है।
अमेरिका में प्रसिद्ध मौसम वैज्ञानिक जगदीश शुक्ला की भी यह जन्मभूमि है। ऐसे देश के महान सपूत जो बलिया के धरती से हो तो बलिया का कौन ऐसा व्यक्ति होगा जो इन पर गर्व करता और इतराता न हो। स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला पर ऐसे महापुरुषों को शत-शत नमन है।
अंत में बलिया के लोकगीत गायक स्व. नथुनी सिंह की गीत 'बागी बलिया हउवे भारत के सरताज रे सजनी, जेकर लंदन तक ले गूंज गइल आवाज रे सजनी।'
वीरेंद्र सिंह पत्रकार, मनियर, बलिया
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