बलिया : कैशलेस चिकित्सकीय सुविधा व स्थानांतरण नीति पर शिक्षक नेता घनश्याम चौबे ने कही बड़ी बात




बलिया। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन बलिया के जनपदीय अध्यक्ष डॉ घनश्याम चौबे ने कहा है कि एसोसिएशन काफी दिनों से अन्य कर्मचारियों की भांति शिक्षकों के इलाज हेतु कैशलेस चिकित्सकीय सुविधा की मांग सरकार से करता आ रहा है। अभी हाल ही में मुख्यमंत्री जी एवं बेसिक शिक्षा मंत्री जी ने बेसिक शिक्षकों को भी चिकित्सकीय सुविधा देने की बात कही। इस व्यवस्था को जब अमली जामा पहनाया गया तो प्रीमियम आधारित पॉलिसी में शिक्षकों से ही प्रीमियम लेने की बात सामने आई, वह भी बाजार में उपलब्ध बहुत सारे हेल्थ इंश्योरेंस से भी महंगा। ऐसे में शिक्षक महंगी पॉलिसी विभाग से भला क्यों लेगा, जब उससे सस्ती हेल्थ पॉलिसी मार्केट में उपलब्ध है। कहा कि यह कैशलेस चिकित्सा व्यवस्था शिक्षकों को ही कैश से लेस बनाने की योजना है, जिसका संगठन विरोध करता है।
डॉ चौबे ने कहा कि समायोजन एवं स्थानांतरण नीति शिक्षकों के साथ धोखा है। वर्षों से स्थानांतरण की आस लगाए शिक्षकों के लिए यह लाली पॉप के सिवाय कुछ नहीं है। इस स्थानांतरण नीति से वर्षों से आस लगाए शिक्षकों को कोई लाभ नहीं होने वाला है, बल्कि शिक्षकों को और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। निरीक्षणों के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने एवं समाज में शिक्षकों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है। सुनियोजित निरीक्षणों द्वारा वैज्ञानिक शोषणवाद का अभ्युदय हुआ है, जिसका उद्देश्य सुसंगठित, सुव्यवस्थित और क्रमबद्ध रूप से शिक्षकों का शोषण करना है, जिसका संगठन विरोध करता है। डॉ चौबे ने कहा कि शासन द्वारा पिछले शैक्षिक सत्र में छात्र/छात्राओं को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें प्राप्त नहीं हुई, जबकि नवीन सत्र प्रारम्भ होने के चार माह उपरांत भी पुस्तकें अप्राप्त हैं। एसोसिएशन यह मांग करता है कि शीघ्रातिशीघ्र नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जाए।


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