बलिया : डीएम ने करीब से देखा ड्रेजिंग कार्य व कटान का सच
On
मझौवां, बलिया। जिलाधिकारी एसपी शाही ने नौरंगा क्षेत्र में भ्रमण कर बाढ़ व कटान का जायजा लिया। उन्होंने नदी उस पार पचरुखिया दियारे से धारा मोड़ने के लिए किए गए खुदाई व ड्रेनेज कार्य को देखा। बाढ़ खण्ड के अधिकारियों से बचाव कार्य सम्बन्धी जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। ड्रेजिंग कार्य के निरीक्षण के दौरान बताया गया कि यह प्रोजेक्ट 13 किलोमीटर का था, लेकिन समय से पहले पानी आ जाने की वजह से पहले चरण में 3650 मीटर लंबाई में काम कराया गया। हालांकि, इसमें भी 1900-2600 मीटर तक करीब 700 मीटर खुदाई का कार्य तो पूरा हो गया है, लेकिन ड्रेजिंग का कार्य नहीं हो सका। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जैसे ही जलस्तर कम होता है इस कार्य को पूरा करा दिया जाए। अगले वर्ष का इंतजार नहीं करें। उन्होंने कहा कि पानी घटने के बाद अगर इसी वर्ष यह काम पूरा हो जाए तो अगली बाढ़ में काफी कारगर साबित होगा। मुख्य नदी में ड्रेजिंग का कार्य अक्टूबर से शुरू करके अगले वर्ष मई तक हर हाल में खत्म करने के निर्देश दिए। इस मौके पर एसडीएम सुरेश पाल, एनडीआरएफ के टीम लीडर अनिल शर्मा, बाढ़ खण्ड के एक्सईएन संजय मिश्र, एसडीओ कमलेश कुमार आदि रहे।
खेतों में हो रहे कटान को देखा
जिलाधिकारी ने नौरंगा जाते समय बीच में गंगा के किनारे हो रहे कटान को देखा। जिला पंचायत द्वारा बनाई गई पुलिया, जो इसी बाढ़ में तेज धारा के बीच बह गई, उसे भी देखा। कटान जहां हो रही थी, उस पूरे क्षेत्र में नाव से भ्रमण कर स्थिति देखी।
ड्रेजिंग कार्य का नक्शा रिपोर्ट तीन दिन में दें
ड्रेजिंग कार्य के निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिया कि अब तक हुआ ड्रेजिंग कार्य का चैनलवार अलाइंगमेंट और यह किस-किस गांव के किस गाटा से गुजरा है, तीन दिन के अंदर सर्वे करके रिपोर्ट दें। बताया कि सितंबर महीने में ही राजस्व विभाग के स्तर से इसका परीक्षण कराया जाएगा।
स्थानीय गोताखोरों को चार दिवसीय ट्रेनिंग देंगे एनडीआरएफ के जवान
बाढ़ क्षेत्र के भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ के टीम लीडर अनिल शर्मा से जरूरी जानकारी ली। कहा, फिलहाल कहीं रेस्क्यू जैसी स्थिति नहीं है। ऐसे में खाली समय का सदुपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय गोताखोरों/मल्लाहों को ट्रेंड करने की पहल की जाए। इसके लिए सितम्बर महीने के चौथे सप्ताह में बकायदा चार दिवसीय आवासीय ट्रेनिंग आयोजित किया जाए। कम से कम 50 स्थानीय गोताखोर एनडीआरएफ के जवानों के माध्यम से ट्रेंड हो जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि इमरजेंसी में स्थानीय गोताखोर हमेशा काम आते हैं। ऐसे में ये और ट्रेंड हो जाएंगे तो बेहतर रहेगा।
हरेराम यादव
हरेराम यादव
Tags: Ballia News
Related Posts
Post Comments
Latest News
जेल से रिहाई के बाद अल्लू अर्जुन का आया पहला बयान, बोले- ‘जो हुआ उसका...’
14 Dec 2024 10:34:40
Allu Arjun First Statement After Bail : साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन जेल से रिहा हो गए हैं। जमानत के बाद...
Comments