ऐतिहासिक ददरी मेला स्थगन पर वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र मिश्र की त्वरित टिप्पणी
मैं कोरोना (कोविड19) काफी हैरान हूं। मुझे रहना नही है मुझे जाना है। हालांकि मुझसे हिंदुस्तान ही नहीं, विश्व परेशान है। हिंदुस्तान सतर्कता बरतने में कोई कोताही नहीं बरता। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत पर खुशी जाहिर की थी। मुझे पता है हर तरफ प्रचार प्रसार भी हो रहे हैं, ताकि मैं जल्दी भाग जाऊं। हर संभव कोशिश भी हो रही है, यह भी पता है। यहां तक की मोबाइल पर भी कोई कॉल कर रहा है तो मुझसे बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाने के साथ चेहरे पर बिना मास्क लगाए घर से न निकलने की सलाह दी जा रही है।
मेरी वजह से ऐतिहासिक ददरी मेला स्थगित, जिला प्रशासन का निर्णय स्वागत योग्य
कोरोना हूं भय जरूर है, लेकिन कहीं इतना भय नहीं दिख रहा है। बलिया जिला प्रशासन शुरू से ही अलर्ट है। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही सहित दो आईएएस ने अहम भूमिका निभाई। इससे हम हमेशा लोगों से दूर रहें। कमिश्नर विजय विश्वास पन्त भी लगातार भ्रमण करते रहे हैं। ददरी मेला 2020 स्थगित हुआ। जिला प्रशासन प्रशंसा के पात्र है। मेरा नाम कोरोना (कोविड 19) रखा गया है। मुझे अब रुकने की इच्छा नहीं है, परंतु जाने भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसा मुझे प्रतीत हो रहा है।
इतना के बावजूद आप ही लोग रोक रहे हैं
बिहार में चुनावी सभाएं खूब हुई। कहीं भी मुझे सामाजिक दूरी नहीं दिखी। जबकि मुझसे बचने और बचाने के सुझाव देने के साथ लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। इतना के बावजूद आप ही लोग रोक रहे हैं।
आप ही लोग ऐसा करेंगे तो फिर हम जाएंगे कैसे
यूपी में उपचुनाव हुआ। बिहार राज्य में विधानसभा चुनाव हुआ। लेकिन कहीं भी मुझ कोरोना (कोविड19) से किसी को भय नहीं दिखाई दिया। जबकि भय व्याप्त जरूर है। मुझे शौक नहीं रुकने का मुझे रोका जा रहा है। मैं विवश हूं। हरेक सभास्थल देखकर ही लगा कि वाकई मुझे कोई जाने नहीं देना चाहता।
मैं कोरोना हूं, लेकिन कहीं न कहीं राहत भी मिला है
मुझसे बचने के लिए तमाम सुझवा दिए जा रहे हैं। परन्तु मेरी नजर में विशेष रूप से यह दिख रहा है कि शायद मास्क लगाने से लोग सांस रोग से वंचित हैं। खुद पर ख्याल रखकर गर्म पानी का सेवन करते हुए दिख रहा है। मतलब स्वास्थ्य के प्रति लोग सचेत हैं। यही कारण है कि कहीं न कहीं मेरे चलते लोगों को राहत भी मिला है।
मैं स्तब्ध हूं, मुझे अब जाना है
भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 10.5 लाख से अधिक टेस्ट किए गए, इसी के साथ एक रिकॉर्ड भी बन गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार यानी एक नवम्बर को कहा कि एक दिन में 10.5 लाख से ज्यादा टेस्ट के साथ देश में अब तक किए गए कुल टेस्ट की संख्या 4.14 करोड़ को पार कर गई है। मंत्रालय ने कहा कि जांच क्षमता और जांच की संख्या में हुई इस बढ़ोतरी से प्रति दस लाख की आबादी पर हो रही जांच की संख्या भी आज की तारीख में बढ़कर 30,044 हो गई। शनिवार को 10,55,027 टेस्ट के साथ, भारत ने रोजाना 10 लाख से अधिक सैंपल्स की जांच करने की नैशनल डाइअग्नास्टिक कैपिसिटी को और मजबूत बनाया है।
मंत्रालय ने कहा कि कोरोनो वायरस की जांच करने के लिए देश में किए गए कुल टेस्ट्स की संख्या वर्तमान में 4,14,61,636 है। केंद्र ने COVID-19 के ग्लोबल कॉन्टैक्स्ट को ध्यान में रखते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए 'टेस्ट, ट्रैक ऐंड ट्रीट' की केयर स्ट्रैटिजी को लागू किया है। मंत्रालय ने कहा कि आक्रामक तरीके से जांच के कारण शुरुआत में ही संक्रमितों की पहचान और इलाज होने से उनके संपर्क में आए लोगों की निगरानी प्रभावी और समयबद्ध तरीके से हो पाती है। इसके बाद हल्के और मध्यम लक्षण वाले मामलों के लिए त्वरित रूप से होम क्वारंटीन या संस्थागत सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है और गंभीर तथा अति गंभीर रोगियों को अस्पताल में भर्ती किया जाता है।
आप सभी से भारत सरकार, यूपी सरकार द्वारा बार-बार सतर्कता बरतने के लिए प्रचार-प्रसार हो रहा है। वहीं मेरी (कोविड19) की तरफ से विशेष आग्रह है कि सुरक्षित रहते हुए हमें भगाने कोशिश करें। निश्चित ही भाग जाऊंगा। शुभकामनाएं हैं।
नरेन्द्र मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार बलिया
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