यह कौन लोग ? कैसा योद्धा ? बेचैन किया हुंकारों से...
NPS निजीकरण भारत छोड़ो, पुरानी पेंशन बहाल करो, इत्यादि गगन भेदी नारों से प्रचंड गर्मी के आभा को भी निस्तेज करता हुआ यह पेंशन विहिनों का हुजूम, देखकर आम जनमानस भी सोचने पर मजबूर है कि यह कौन लोग और किस मिट्टी का बना हुआ यह योद्धा है, जिसने पुरे वातावरण में एक अलग ही गर्मी पैदा कर दी है। एक छोटी सी रचना✍️
सूरज का ताप भी, कांप गया,
निस्तेज हुआ ललकारों से !
यह कौन लोग? योद्धा कैसा?
बेचैन किया हुंकारों से!!
पूरब– पश्चिम– उत्तर– दक्षिण,
पूरे भारत को मथ डाला !
कल तक जिनकी थी तनी भृकुटी,
उनके मुंह पर डाला ताला!!
हलचल सत्ता की गलियों में,
पैदा की तीक्ष्ण विचारों से !
यह कौन लोग? कैसा योद्धा?
बेचैन किया हुंकारों से!!
वोट फॉर OPS की ताकत,
है कैसा ? उन्माद भरा !
यह लौह पुरुष पेंशन गांधी,
सीना ताने है अड़ा– खड़ा !
जर्रा – जर्रा है गूंज उठा,
पेंशन– पेंशन के नारों से !!
यह कौन लोग? कैसा योद्धा?
बेचैन किया हुंकारों से !!
इतनी प्रचण्ड दोपहरी में,
भीषण सैलाब लिए आता !
वह कौन? निरंकुश– नरपिशाच,
जिसको ना सिंह नजर आता !
वह कौन दुष्ट? वंचित कर डाला,
है इनके अधिकारों से !
यह कौन लोग? कैसा योद्धा ?
बेचैन किया हुंकारों से !!
निजीकरण हो बंद मिले अब,
एनपीएस से आजादी !
चप्पे– चप्पे में फौलादी,
शेरों ने तपन बढ़ा दी !
यह जनसैलाब जला देगा,
हकमारों को फुफकारों से !
यह कौन लोग? कैसा योद्धा?
बेचैन किया हुंकारों से !!
""सुनील सरगम""
Source : social media
Comments