सड़क से सदन तक गूंजी शिक्षकों की आवाज : झड़प और नोकझोंक, हिरासत में लिए गए शिक्षक
लखनऊ। प्रदेश में माध्यमिक व बेसिक शिक्षकों से जुड़ा मामला शुक्रवार को सड़क से सदन तक गूंजा। एक तरफ जहां शिक्षकों ने विधानसभा घेराव का प्रयास व सड़क पर धरना-प्रदर्शन कर सभा की। वहीं एक दूसरे संघ ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश भर में बीआरसी पर धरना दिया। जबकि शिक्षक नेताओं ने विधानसभा व विधान परिषद में उनसे जुड़े मुद्दे उठाए।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) ने एडेड विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों की बहाली, उनका बकाया वेतन जारी करने, एनपीएस घोटाले की सीबीआई जांच व पुरानी पेंशन बहाली के लिए पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार विधान सभा घेराव का प्रयास किया। प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायन सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों ने बापू भवन के पास सभाकर अपना विरोध दर्ज किया। इसके बाद शिक्षक विधानसभा घेराव के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसे लेकर उनकी नोकझोंक हुई। शिक्षक सड़क पर ही धरने पर बैठकर सभा करने लगे। प्रदर्शन में विधानसभा सत्र छोड़कर एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल भी शामिल हुए। काफी देर चले प्रदर्शन के बाद पुलिस शिक्षकों को हिरासत में लेकर बस से ईको गार्डेन ले गई। वहां भी गिरफ्तारी करने के लिए शिक्षकों की पुलिस से नोकझोंक हुई। धरने में महामंत्री रामबाबू शास्त्री, संजय द्विवेदी, लवकुश मिश्रा, नर्सिंग बहादुर सिंह, संत सेवक सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह, अरविंद आदि शामिल थे।
तदर्थ शिक्षकों के लिए जेल भरो आंदोलन
प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में कई साल से काम कर रहे दो हजार से अधिक तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्त किए जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने पार्क रोड स्थित निदेशालय पर धरना दिया। संघ के अध्यक्ष पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि दीपावली के पूर्व धनतेरस के दिन शिक्षकों की सेवा समाप्ति का शासनादेश निकालकर शिक्षकों के घरों में अंधेरा कर दिया गया। हम इसके खिलाफ संघर्ष करेंगे और जरूरी हुआ तो जेल भरो आंदोलन भी किया जाएगा।
उप्र प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ व शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली के संघर्ष में प्राथमिक शिक्षक भी भागीदारी करेगा। अगर सरकार का शिक्षक विरोधी रवैया नही बदला तो शिक्षक उनके खिलाफ बटन दबाने में गुरेज नहीं करेगा। शिक्षकों का ज्ञापन लेते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों के लिए वैकाल्पिक व्यवस्था की जा रही है। शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सम्बन्धी धारा 21 का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है। धरने को संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र, एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, सुभाष चन्द्र शर्मा, इन्द्रासन सिंह, पूर्व एमएलसी सुभाष चन्द्र शर्मा, महेश चन्द्र शर्मा, डा. प्रमोद कुमार मिश्र आदि ने संबोधित किया।
पहले शिक्षकों की पूरी हो मांगें, फिर रियल टाइम उपस्थिति
बेसिक विद्यालयों में शिक्षकों की लंबित मांगों पर कार्रवाई किए बिना रियल टाइम उपस्थिति लागू करने के विरोध में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर बीआरसी पर धरना दिया।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि सालों से पदोन्नति लंबित है। परस्पर तबादले, समायोजन, वेतन विसंगति का हल नहीं निकला। शिक्षकों को निजी मोबाइल, सिम व डाटा के प्रयोग के लिए दबाव बनाया जा रहा है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने कहा किजब तक हमारी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती, तब तक हम ऑनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार करते हैं। यदि जल्द हमारी मांगे ना पूरी हुई तो शिक्षक सड़क पर उतरने पर मजबूर होगा।
शिक्षकों ने ये भी उठाई मांगें
- आधे समय का सीएल दिया जाए
- राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा
- दुर्गम क्षेत्रों मे पढ़ाने वाले शिक्षकों को आवास की सुविधा
- किसी कारण से विद्यालय पहुंचने मे थोड़ी देरी पर वेतन न कटे
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