मैं नमन करूं इस मिट्टी को, जिसने बृहद भारत सृजन की...
On
आजाद
हुआ सूत्रपात मुक्ति का
तब शांति सदन थे छोड़े
नया मोड़ तब आया
जब मारे उसने कोड़े
बोले भारत माता की जय-2
जितने पड़े थे कोड़े
बोलें जय भारत की...।
सुन-शांत पड़ी थी ठैया
रही होगी अद्भुत परिछैया
घेरी!ताकत सैतानी
अब तरूवर ही सहारा
मेंघो की गरज फिकी
गोलियों की गर्जन बढ़ गई
है धन्य धैर्य परिचायक-2
स्वयं को स्वयं में मिला ली
मैं नमन करूँ इस मिट्टी को
जिसने बृहद भारत सृजन की।
राजनीकान्त
अध्यापक,
बेसिक शिक्षा परिषद,
प्रयागराज, उ.प्र.।
Related Posts
Post Comments
Latest News
बेसिक शिक्षा मंत्री के हाथों सम्मानित हुए बलिया के शिक्षक सुशील कुमार, खुशी की लहर
14 Dec 2024 22:05:33
Ballia News : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से उत्कृष्ट योगदान देने वाले 75 प्रधानाध्यापकों के साथ ही...
Comments