बलिया में शिव महापुराण कथा : बाल व्यास ने कराया सोमनाथ, महाकाल, मल्लिकार्जुन व केदारनाथ का श्रव्य दर्शन
Ballia News : शहर से सटे परिखरा स्थित बाबा परमहंस नाथ शिव मंदिर के प्रांगण में शिव महापुराण कथा के छठे दिन काशी से पधारे बाल व्यास शशिकांत जी महाराज ने कहा कि भगवान शंकर के परिवार में विषमता होते हुए भी समता है। विपरीत परिस्थिति होने के बाद भी उनके परिवार में प्रेम है। भगवान शंकर का वाहन नंदी है। जबकि माता पार्वती का वाहन सिंह है। भगवान शंकर के गले में सांप है, जबकि भगवान गणपति का वाहन मूषक है। वही बगल में कुमार कार्तिकेय का वाहन मयूर है।
बताया कि सब एक दूसरे के भक्षक होते हुए भी शिव परिवार के रक्षक बने हुए हैं। कहा कि यह महिमा है सत्संग और भगवान के नाम की। भगवान शंकर पंचानन, पुत्र गणेश गजानन, कार्तिकेय भगवान षडानन और भगवान शंकर के शिष्य रावण दशानन हैं। ऐसी विचित्रता का दर्शन संसार में और कहां होगा। महाराज जी ने द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा को सुनाते हुए कहा कि भगवान शिव काशी में रमण करते हैं।
काशी की रचना भगवान शंकर ने अपने त्रिशूल पर की है। काशी का कंकड़ कंकड़ शंकर है। काशी में जिसकी भी मृत्यु होती है, वह सीधे शिवलोक को जाता है। क्योंकि भगवान शंकर स्वयं उसके कान में राम मंत्र की दीक्षा देते हैं, ऐसी मान्यता है। बताया कि जहां वरुणा नदी व अस्सी घाट है, ऐसे जगह को हम वाराणसी कहते हैं। जहां भक्तों के कल्याण के लिए पतित पावनी, जगपावनी व मंगल दायनी मां गंगा स्वयं विराजमान होकर भक्तों को मुक्ति प्रदान कर रही है।
साथ ही मां अन्नपूर्णा स्वयं भिक्षा देकर जगत के जीवो का भरण पोषण कर रही हैं और जहां के रक्षक स्वयं बाबा काल भैरव हैं, ऐसी नगरी का नाम काशी है। वहीं द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा को सुनाते हुए महाराज जी ने सोमनाथ, महाकाल, मल्लिकार्जुन व केदारनाथ आदि जगहों का श्रवण कराया। वहीं मंदिर पर हो रहे महारूद्र यज्ञ का पूजन अर्चन मेधा पंडित जी द्वारा कराया जा रहा है। जहां ब्रहमचारी विनय जी महाराज अपने ग्यारह शिष्यों के साथ पहुंच कर शिव भगवान का दर्शन किया। इस मौके पर दुर्गेश सिंह, रविंद्र सिंह, अनय सिंह उर्फ बटुक सिंह, पप्पू सिंह, श्रीमति नीरज सिंह, बबीता सिंह निर्मला सिंह, आशा सिंह व गुंजन सिंह सहित हजारों की संख्या में श्रध्दालुगण रहे।
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