संकीर्तन में 'मंगल भवन अमंगल हारी' का समावेश : स्वामी हरिहरानंद

संकीर्तन में 'मंगल भवन अमंगल हारी' का समावेश : स्वामी हरिहरानंद


बैरिया, बलिया। विश्व घोर संकट से गुजर रहा है। वैज्ञानिक करोना महामारी से बचने व उसका उपचार हेतु दवा की खोज में दिन-रात एक किये हुए है, परन्तु ईश्वर पर भरोसा और भजन करके भी इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है। उक्त उद्गार देश के महान संत स्वामी श्री हरिहरानन्द जी महाराज के है, जो शनिवार को लक्ष्मण छपरा में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी में श्री हनुमान चालीसा का पाठ और 16 अक्षरों का वैदिक सिद्ध महामंत्र-
हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे, हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे का नियमित संकीर्तन लाभदायक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह कोई भी डॉक्टर दवा के साथ-साथ कुछ परहेज का भी हिदायत देता है, उसी प्रकार व्यक्ति को चाहिए कि वह मांस, मछली, मदिरा और वैदिक नियमों से वर्जित बुरी आदतों का परित्याग करें। फिर यह आध्यात्मिक उपचार और भी अधिक प्रभावित होगा। स्वामी जी ने कहा कि दैहिक, दैविक और भौतिक संतापों से बचने व हर सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए प्रत्येक व्यक्ति को नियमित रूप से हरिनाम संकीर्तन करना चाहिए। स्वामी जी ने कहा कि संकीर्तन में 'मंगल भवन अमंगल हारी' का समावेश है। संकीर्तन व्यक्ति को सदैव लाभ ही लाभ देता है, इसमें नुकसान कुछ भी नही है। ग्रामीणों ने लक्ष्मणछपरा गांव में पुनः शाश्वताखंड  संकीर्तन प्रारम्भ करने का संकल्प लिया। 


शिवदयाल पांडेय 'मनन'

Post Comments

Comments