डॉ. जनार्दन राय की नवीनतम कृति 'चिद्दी चिद्दी जीवन पन्ने' का लोकार्पण
Ballia News : 'कविगण के अन्दर कविता में अपने मनोभावों एवं विचारों की अभिव्यक्ति करने की प्रतिभा नैसर्गिक रूप से मौजूद होती है। वह ऐसा किये बगैर रह ही नहीं सकता।' यह बात सतीश चन्द्र महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डॉ. श्रीपति कुमार यादव ने मिश्र नेवरी में आयोजित एक गोष्ठी में जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार एवं समीक्षक डॉ. जनार्दन राय (Dr. Janardan Rai) की नवीनतम कृति 'चिद्दी चिद्दी जीवन पन्ने' के लोकार्पण के अवसर पर कही।
डॉ यादव ने विभिन्न आचार्यों के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा कि कविता का उद्देश्य केवल यश और अर्थोपार्जन ही नहीं, बल्कि लोक का कल्याण भी होता है। इस अवसर पर उपस्थित कवियों ने काव्यपाठ भी किया तथा डॉ राय की अच्छी सेहत और दीर्घायु की कामना की।
गोष्ठी में अशोक कुमार पाण्डेय, अक्षयवर नाथ ओझा, श्रीपति कुमार यादव, परमात्मानंद तिवारी, हरिकृष्ण, डॉ कादम्बिनी सिंह, लाल बाबू, डॉ अजय कुमार मिश्र, देव कुमार सिंह, शशि प्रेमदेव, संजय कुमार वर्मा, पीयूष उपाध्याय, कुमार अभिजीत, सत्य मोहन श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेंद्र भारती तथा आभार प्रदर्शन डॉ जनार्दन राय ने किया।
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