बलिया में भाजपा सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने जगाई शिक्षामित्रों की उम्मीद, कही ये बात
बलिया। सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि गुरु का काम बच्चों को केवल अक्षर ज्ञान देना नहीं, बल्कि समाज और परिवार में हो रहे विघटन रोकने के साथ ही समृद्ध, स्वच्छ और स्वस्थ भारत बनाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर है। सांसद गुरुवार को नगर के टाउन हॉल में शिक्षा मित्र संघ की ओर से आयोजित संवाद और विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज में बढ़ रहा विघटन चिंता का विषय है। जाति-धर्म का भेदभाव मिटाने का सबसे अच्छा साधन बच्चे हैं। शिक्षक को बच्चों को इस बात के लिए प्रेरित करना चाहिए कि वे समाज के प्रत्येक नागरिक, अपने भाई-बहन, मां-बाप सभी का सम्मान करें।
शिक्षामित्रों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए सांसद ने कहा कि मैं इस संबंध में पहले भी मुख्यमंत्री से बात कर चुका हूं। बहुत जल्द पुनः उनसे और केंद्र सरकार से वार्ता कर समस्या का समाधान कराया जाएगा। भरोसा दिलाया कि उनका एक ही प्रयास होगा कि शिक्षामित्रों को समान कार्य के लिए समान सुविधाएं मिले। इससे पहले कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नगरपालिका के नवनिर्वाचित चेयरमैन संत कुमार गुप्त 'मिठाई लाल' ने कहा कि शिक्षामित्रों की समस्याओं से सांसद जी पूरी तरह वाकिफ हैं। पूरा विश्वास है कि आपकी समस्याओं का जल्द समाधान करा देंगे।
इस दौरान ब्लाक प्रमुख कन्हैया सिंह, प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक प्रफुल्ल श्रीवास्तव, प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश झा, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह, जिला मंत्री राजेश पाण्डेय, अजय मिश्र, शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री अखिलेश पांडे, मंडल अध्यक्ष अनिल यादव, जिलाध्यक्ष पंकज सिंह, जिला मंत्री अमृत सिंह के अलावा संजय पांडे, अनिल पांडे, सियाराम यादव, विद्यासागर दुबे, भरत यादव, निर्भय नारायण राय, राकेश पांडे, अजय श्रीवास्तव, परवेज अहमद, सूर्यनाथ राम, वसुंधरा राय, डिंपल सिंह, हरेराम यादव, सत्येंद्र मौर्य, वसीम अहमद, अजय मिश्रा, रिंकू सिंह बसंती मौर्या, पूनम तिवारी, रणजीत बहादुर, प्रवीणा सिंह, मंजूर हुसैन, लालजी वर्मा, मनीष सिंह अखिलेश वर्मा, अजय सिंह, आनंद पांडे, रणवीर सिंह, मुकेश राय, चंद्रकेश चौहान, जयप्रकाश तिवारी, अवधेश गिरी, तेजनरायण सिंह, संजय प्रसाद, विनोद चौबे, अवधेश भारती आदि थे। अध्यक्षता विनोद कुमार शुक्ल व संचालन राजेश पाण्डेय व निर्भय नारायण राय ने किया।
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