बलिया में पेड़ पर लटका मिला युवक का शव, सिर पर चोट से हत्या की आशंका ; पहुंचे एसपी
सिकंदरपुर, बलिया। खेजुरी थाना क्षेत्र के ग्राम सभा बहेलिया में शनिवार की सुबह घर के पास सिरफल के पेड़ पर एक युवक का शव लटका देख हड़कंप मच गया। सूचना पर फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचे एसपी राजकरन नय्यर ने पीड़ित परिवार से बात कर घटना की पूरी जानकारी ली और मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उधर पीड़ित परिवार के आरोपों को आधार मानते हुए पुलिस चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। चर्चाओं की माने तो युवक की हत्या कर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव को पेड़ पर लटका दिया गया है, ताकि इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके। उधर पुलिस हत्या या आत्महत्या दोनों पहलुओं की गंभीरता से जांच कर रही है।
बहेलिया निवासी जंग बहादुर यादव का इकलौता पुत्र प्रदीप यादव (21) शुक्रवार की रात दरवाजे पर सोया था। काफी देर तक पिता पुत्र दोनो जगे थे। रात करीब 12:40 पर जब प्रदीप मोबाइल बंद कर सो गया तो पास के बरामदे में पिता भी सो गए। इस बीच किसी समय यह घटना हो गई। सुबह करीब चार बजे प्रदीप की मां ने जब पुत्र को दरवाजे पर लगे बेल के वृक्ष में लटकता देखा तो दहाड़े मार कर रोने लगी। रोने की आवाज सुन आस पास के लोग भी पहुंच गए और प्रदीप को पेड़ से नीचे उतारा। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। प्रदीप के सिर में पीछे लगा चोट का निशान देख परिजनों के कान खडे हो गए। लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
एक दर्जन लोगों के खिलाफ दी गई तहरीर
मृतक के पिता ने अपने पड़ोसियों पर पुत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए एक दर्जन लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है। तहरीर के मुताबिक इनमें शामिल 10 लोग करीब दो साल पूर्व हुए मारपीट के एक मामले में आरोपित हैं। पिता का आरोप है कि उक्त मामले में आरोपित जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद लगातार घटना के एक मात्र चश्मदीद गवाह रहे मेरे पुत्र पर सुलह समझौता करने का दबाव बना रहे थे। जिसका मैं और मेरा पुत्र विरोध कर रहे थे। बताया कि शुक्रवार की देर रात तक एक नंबर से लगातार प्रदीप को कोई व्हाट्सएप मैसेज भी कर रहा था और समझौता न करने पर मारने पीटने की धमकी दे रहा था।
दो साल पूर्व हुए घटना से जोड़ कर देख रही पुलिस
बता दें कि प्रदीप की हत्या और आत्महत्या के मामले में आरोपित बनाए गए लोगों के साथ 17 मई 2021 को मारपीट की घटना हुई थी। जिसमे प्रदीप और रामजन्म यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसमे रामजन्म यादव की इलाज के दौरान गोरखपुर में मौत हो गई थी। करीब एक माह तक कोमा में रहने के बाद प्रदीप को होश आया था और वही उक्त मुकदमे में चश्मदीद गवाह है। पिता का आरोप है कि छह माह पूर्व हत्या के उस मामले में जमानत पर बाहर आए आरोपित मुझे और मेरे बेटे को डरा धमका कर समझौता करने का दबाव बना रहे थे, लेकिन हम लोग नहीं मान रहे थे। उन्हीं लोगों ने षड्यंत्र के तहत मेरे पुत्र को मौत के घाट उतार दिया है। इस बाबत सीओ भूषण वर्मा ने बताया कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।
श्वेता पाठक
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