Ballia News : इलाज से पहले टूटी महिला की सांस, डाक्टर पर आरोप लगा परिजनों ने काटा बवाल
सिकंदरपुर, बलिया। सीएचसी सिकंदरपुर में शुक्रवार को इलाज से पहले ही एक वृद्धा की मौत हो गई। इससे नाराज परिजनों ने जमकर बवाल काटा। सूचना पर पहुंचे एसडीएम रवि कुमार पासवान व सीओ भूषण वर्मा ने बातचीत कर परिजनों को शांत कराया। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद परिवारीजन लाश लेकर घर चले गए।
खेजुरी थाना क्षेत्र के बालुपुर निवासी कलावती देवी (60) पत्नी सुरेंद्र कन्नौजिया की तबीयत शुक्रवार की सुबह अचानक खराब हो गई। उन्हें इलाज कराने के लिए संतोष कन्नौजिया पुत्र सुरेंद्र कन्नौजिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंचे थे। संतोष का आरोप है कि इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ दिग्विजय ने समय से इलाज शुरू नही किया, जिसकी वजह से मेरी मां का देहांत हो गया।
बताया कि चिकित्सक से बार बार निवेदन करने के बाद भी वे स्थिति की गंभीरता को नहीं समझे और टाल मटोल करते रहे। डॉक्टर की जिद्द के आगे मैं बेबस हो पर्ची बनवाने के लिए हॉस्पिटल परिसर में इधर से उधर भटकता रहा। करीब आधे घंटे बाद जब पर्ची लेकर चिकित्सक के पास पहुंचा, तब तक मेरी मां मर चुकी थी। इसकी सूचना हॉस्पिटल में मौजूद परिवार के अन्य सदस्यों को हुई तो वे हो हल्ला मचाने लगे।
उधर घटना की जानकारी होते ही पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनंत मिश्रा व सपा विधानसभा अध्यक्ष रामजी यादव दर्जनों समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंच गए और मामला तूल पकड़ने लगा। इसी बीच किसी ने घटना से एसएचओ दिनेश कुमार पाठक को अवगत करा दिया। सूचना मिलते ही एसडीएम, सीओ भी मौके पर पहुंच गए और परिजनों से बातचीत करने लगे। काफी मशक्कत के बाद मामला शांत हुआ।
इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ व्यास कुमार ने बताया कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर दिग्विजय कुमार की नाईट ड्यूटी थी। सुबह वे फ्रेश होने के लिए आवास पर गए थे। इसी दौरान मरीज लेकर लोग पहुंच गए। चिकित्सक द्वारा इलाज शुरू करने से पूर्व ही महिला की मौत हो गई।
अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत
उधर घटना के बाद प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ व्यास कुमार ने अज्ञात अराजक तत्वों द्वारा राजकीय कार्य में बाधा डालने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाते हुए एसडीएम सिकंदरपुर को पत्रक देकर मामले की जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि उपर्युक्त प्रकरण में महिला की मौत की पुष्टि के बावजूद परिजनों द्वारा मौके पर तैनात चिकित्सक को इंजेक्शन लगाने या रेफर करने का दबाव बनाया जा रहा था, जिससे इनकार करने पर लोगों ने गाली गलौज कर माहौल खराब किया।
अजीत कुमार पाठक
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