सुदिष्टबाबा की समाधि पर उमड़ा आस्था का सैलाब : धर्मध्वज फहराकर मौनी बाबा ने किया धनुषयज्ञ मेला का शुभारम्भ
बैरिया, बलिया : द्वाबा की पवित्र माटी में अपनी तप की धुनी रमाने वाले संत शिरोमणि सुदिष्टबाबा की समाधि स्थल के पास ऐतिहासिक धनुषयज्ञ मेले का उद्घाटन रविवार को संत रामबालक बाबा के शिष्य ईश्वरदास उर्फ मौनी बाबा ने मेला चौक पर फीता काटने के साथ ही धर्मध्वज फहराकर किया। सन्त मौनी बाबा ने कहा कि धनुषयज्ञ मेला के अवसर पर संत सुदिष्ट बाबा की समाधि स्थल पर सन्त समागम व कल्पवास होता है। मौजूदा समय में सन्तों के सम्मान में गिरावट आई है। ऐसे में लोगों के संस्कारों में भी पहले की तुलना में गिरावट देखने को मिल रही है।
वर्षो पहले सुदिष्ट बाबा के धार्मिक स्थल पर गैर प्रान्तों के भी महान साधु संत आते थे, लेकिन समय बदलता गया। लोग साधु संतों को पहले जैसे सम्मान व आदर नहीं करते। इससे गैर प्रान्त के साधु संत आना बन्द कर दिए। कहा कि सुदिष्ट बाबा बहुत बड़े तपस्वी थे।उनकी महिमा व उनमें आस्था के कारण ही इस मेले में प्रतिवर्ष लाखों लोग घूमने आते हैं, किन्तु आज तक किसी को खरोच तक नहीं आया।
मेला अध्यक्ष व कोटवा प्रधान बन्दना गुप्ता ने कहा कि इस मेले के धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। यहाँ लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं। मेले में स्वच्छ जल के साथ ही स्वास्थ्य पर पैनी नजर रखी जा रही है। पंचायत सचिव अरबिंद कुमार मौर्य ने कहा कि मेले में साफ सफाई की बेहतर व्यस्था कराई गई है, ताकि जो श्रद्धालु मेला से वापस लौटे तो एक अच्छी अनुभूति लेकर जाए। मौके पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू, प्रधान प्रतिनिधि रोशन गुप्ता, मनोज कुमार गुप्ता, मिथलेश सिंह, हृदयानन्द सिंह, उमेश कुमार गुप्ता, विवेकानन्द गिरी, परशुराम प्रसाद, राम लक्ष्मण सिंह, प्रेम मिश्र इत्यादि उपस्थित रहे।
आधी रात से गूंजने लगा बाबा का जयकारा
संत सुदिष्टबाबा की समाधि स्थल पर रात्रि एक बजे से ही साधु संतों की पूजा अर्चना के बाद बाबा के जयकारों से सुदिष्टपुरी क्षेत्र गूंज उठा। रविवार को बाबा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ दोपहर तक उमड़ी रही। सुदिष्टबाबा की समाधि पर मत्था टेकने के लिए शनिवार की शाम को ही महिला व पुरुष श्रद्धालु बाबा के आश्रम पर पहुंचकर कल्पवास किये थे।
वही आधी रात को ही बाबा का जयकारा गूंजना शुरू हो गया। सुबह होते-होते सुदिष्टबाबा के तरफ जाने वाले रास्तों पर महिलाएं व पुरुषों की भीड़ देखते बन रही थी। श्रद्धालु बाबा के दर्शन के बाद साधु-संतों से आशीर्वाद लेने के अलावा आटा-चावल, लौकी आदि समाग्री दान किये।
रामबालक बाबा ने सन्तनगर का किया उद्घाटन
संतनगर में साधु-संतों का जमावड़ा लगा रहा। रामबालक बाबा ने सन्तनगर का उद्घाटन किया। संत मौनी बाबा ने कहा कि संत सुदिष्ट बाबा एक महान संत के साथ ही समाज सेवा में भी रुचि रखते थे। संत होते हुए भी उन्होंने दर्जनों ऐसे कार्य किये, जो समाज हित मे था। कहा जाता है कि रानीगंज भागड़ नाले पर पुल का निर्माण सुदिष्ट बाबा ने ही करवाया था। साथ ही दर्जनो शिवालयों के अलावा अपने गांव में बच्चों के शिक्षा के लिए एक स्कूल का भी निर्माण किया था। इन सब कार्यों में तत्कालीन अंग्रेज जिलाधिकारी रॉबर्ट का सहयोग उन्हें मिला था। वही संत सुदिष्ट बाबा में विश्वास रखने वाले लोगों का आज जुटान उनके समाधि के समीप शुरू हो गया है। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु व साधु संत समाधि स्थल पर पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि पंचमी के एक दिन पूर्व जो भी सच्चे मन से बाबा के शरण में पहुंच जाता है, और रात भर रुकता है उसकी मनोकामना बाबा पूर्ण करते हैं।
निःशुल्क चिकित्सा शिविर
धनुषयज्ञ मेले में होमियोपैथिक एसोसिएशन बैरिया के तरफ से डाक्टर वीके यादव की अध्यक्षता में निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया है। रेडिएंट कालेज आफ कामर्स के डायरेक्टर डाक्टर मनोज सिंह के तरफ से भी मेला में लगा शिविर में निशुल्क परीक्षण व दवा वितरण किया जा रहा है।
उचक्कों ने कईयों को रूलाया
संत सुदिष्टबाबा के समाधि स्थल के पास से बार-बार ध्वनियंत्र द्वारा दर्शनार्थियों से अनुरोध किया जाता रहा कि कई महिलाओं का मंगलसूत्र छीन गया है। कृपया सावधान हो जाय, लेकिन महिलाओं के सतर्क नही होने के कारण किसी महिला ने हमारा मंगल सूत्र नोच लिया, तो किसी महिला ने बटुआ गायब होने की बात कहकर रोती बिलखती मिली। गोपालनगर निवासिनी जानकी देवी पत्नी दिनेश यादव की मंगलसूत्र, श्रीपालपुर निवासिनी गीता देवी पत्नी देवकीनंदन साह की जिउतिया व रामनगर निवासी पं विश्वनाथ मिश्र की पत्नी का मंगल सूत्र किसी ने नोच लिया। कुल दर्जनभर महिलाओं ने सोने की जेवरात व बटुआ गायब होने की शिकायत किया।
शिवदयाल पांडेय मनन
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