कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश ने किया निर्णायक संघर्ष का ऐलान, देखें पूरा कार्यक्रम
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लखनऊ। कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश की बैठक में विभिन्न विन्दुओं पर चर्चा के साथ आंदोलन की रणनीति बनाई गई। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार के 4.5 वर्ष के कार्यकाल में कर्मचारी व शिक्षकों को लगातार क्षति पहुंचायी जा रही है। प्रदेश के लाखों कर्मचारी व शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं, क्योंकि नई पेंशन के नाम पर उनके वेतन से करोड़ों रुपये की कटौती करके शेयर बाजार में झोकी जा रही है।सरकार कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के समय सुनिश्चित पेंशन देने की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। प्रदेश के कर्मचारी व शिक्षकों का 18 महीने के महंगाई भत्ते का लगभग 10 हजार करोड़ रुपये सरकार डकार गयी है। नगर प्रतिकर भत्ता, स्वैच्छिक परिवार कल्याण भत्ता, कम्प्यूटर भत्ता, परियोजना भत्ता द्विभाषीय भत्ता समेत 10 से अधिक भत्ते सरकार द्वारा समाप्त कर कर्मचारी व शिक्षकों के पेट पर लात मारा गया।
45 हजार वेतन पाने वाले शिक्षा मित्र को 10 हजार पर लाकर भुखमरी के कगार पर खड़ा कर दिया गया है। हजारों शिक्षा मित्र अवसाद ग्रस्त होकर आत्महत्या कर चुके हैं। अनुदेशकों का मानदेय 17 हजार से घटाकर 7 हजार कर दिया गया है। प्रदेश के वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षकों का मानदेय समाप्त करके उनके परिवार के साथ कुठाराघात किया है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के 2 हजार से अधिक शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। बेसिक स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 01 लाख से अधिक पद समाप्त करके शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर समाप्त कर दिये गये हैं। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के बार-बार निर्देश देने के बावजूद भी कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं की जा रही है। कलेक्ट्रेट को विशेष प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए ग्रेड वेतन उच्चीकरण के सम्बन्ध में राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश की संस्तुति के उपरान्त शासन ने माह जनवरी, 2019 में पत्र दिया कि इसे कैबिनेट ले जाकर शासनादेश निर्गत किया जायेगा, जो आज तक नहीं हुआ। शासनादेश निर्गत न होने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। प्रदेश के कर्मचारी शिक्षकों का धैर्य जबाब दे रहा है। प्रदेश के 100 से अधिक कर्मचारी व शिक्षक संगठनों ने मिलकर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उप्र का गठन कर प्रदेश के 20 लाख से अधिक कर्मचारी व शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया है। अधिकार मंच से सम्बद्ध सभी संगठनों के नेताओं ने प्रेस कान्फ्रेंस कर आन्दोलन की घोषित की।
1. 05 अक्टूबर, 2021 को प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों पर मोटर साइकिल रैली, तत्पश्चात ज्ञापन का प्रेषण।
2. 28 अक्टूबर, 2021 को प्रदेश के सभी जिलाधिकारी कार्यालयों पर एक दिवसीय धरना, तत्पश्चात ज्ञापन का प्रेषण।
3. 30 नवम्बर 2021 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इको गार्डेन में महारैली।
प्रेस कॉन्फ्रेन्स में मंच के अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा, प्रधान महासचिव सुशील कुमार त्रिपाठी, हरिकिशोर तिवारी अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष जवाहर इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ, डा. आरपी मिश्रा प्रदेश मंत्री उप्र मध्यमिक शिक्षक संघ, राम राज दुबे अध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, भारत यादव अध्यक्ष वर्कचार्ज कर्मचारी महासंघ लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश, आनन्द वर्मा अध्यक्ष नगर निगम कर्मचारी महासंघ, शिवशंकर पाण्डेय उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, नरेन्द्र कुमार वर्मा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ आदि उपस्थित रहे।
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