बलिया में 31 अधिकारियों और कर्मचारियों पर धोखाधड़ी का मुकदमा, मची खलबली
बैरिया, बलिया : बैरिया तहसील क्षेत्र के दलन छपरा गांव के बहुचर्चित चकबंदी प्रकरण में 31 अधिकारियों व कर्मचारियों पर चकबंदी आयुक्त उत्तर प्रदेश के आदेश के क्रम में दलन छपरा निवासी सुशील पांडेय ने धारा 419, 420 आईपीसी के तहत शुक्रवार को बलिया कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। सुशील पांडेय के शिकायती पत्र में चकबंदी में धांधली कूटरचित दस्तावेजों से दूसरे की जमीन दूसरे के नाम करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे।
आयुक्त चकबंदी उत्तर प्रदेश के आदेश पर भूमि बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी राधेश्याम, दयानंद सिंह चौहान, धनराज यादव, अनिल कुमार, ओंकारनाथ, अवधेश कुमार, चकबंदी अधिकारी राजेश कुमार, कमलेश कुमार शर्मा, बरमेश्वर नाथ उपाध्याय, अमरेश चंद्र, विनय कुमार श्रीवास्तव, उमाशंकर,प्रभात कुमार पांडे व शिव शंकर प्रसाद सिंह, सहायक चकबंदी अधिकारी पुलीराम, हरिशंकर यादव, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, जयदेव, चकबंदी कर्ता जुगेश लाल, संत राम, राजेश कुमार पुत्र राम निहोर, राजेश कुमार पुत्र रामनाथ, राजेश कुमार, शशिकांत, केदारनाथ सिंह के अलावा लेखपाल सुरेंद्र चौहान, अनिल गुप्त, आयुष कुमार सिंह, ललन यादव, अवितेश उपाध्याय, कन्हैयालाल शामिल 31 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है। उक्त मुकदमे की विवेचना कर रहे उप निरीक्षक राज कपूर सिंह ने बताया कि प्रकरण मे जांचोपरान्त आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।
चकबन्दी विभाग से पीड़ित किसानों ने ली राहत की सांस
चकबन्दी आयुक्त ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए दो सदस्यी टीम से जांच कराया था। जांच रिपोर्ट में कई खामी मिली थी, जिसमें सन् 2005 से 2023 तक तैनात 31 बन्दोबस्त अधिकारी से लेकर लेखपाल को प्रथम दृटया दोषी पाया गया था। इसमें भाग 23 का फटना, कुटरचित दस्तावेज के आधार पर जमीनो में हेर फेर, चकबन्दी प्रक्रिया मे शिथिलता सहित कई खामी थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद चकबन्दी विभाग से पीड़ित किसानों ने राहत की सांस ली है।
शिवदयाल पांडेय मनन
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