हां कुछ ऐसी होती है मां ? मदर्स डे पर बलिया की बेटी नेहा ने कर दी दिल को छू लेने वाली रचना
On
मां
कुछ ऐसी होती है मां...
जब फ़िकर हो तो,
'जा जवन मन करे करअ' कह के जता देती है मां,
हां कुछ ऐसी होती है मां...
जब डांटना हो तो,
'जा हम कुछ ना बोलम तहके' कह पुरी कहानी सुना देती है मां,
हां कुछ ऐसी होती है मां...
जब तबीयत की परवाह हो तो,
'दूध पी ल हो कि खुनवे पियबु' कह के खाना खिला देती है मां,
हां कुछ ऐसी होती है मां...
जब तंग हो तो,
'तहरा नियर लइकी त जावारो में ना होइहन्स' कह के तारीफ़ या बेइज्जती कर देती है मां?
हां कुछ ऐसी होती है मां...
जब परवाह हो तो,
'मनबु कि उठीं' कह काम चला लेती है मां,
हां कुछ ऐसी होती है मां...
जब सुन्दर देखना हो तो,
'बालवा ढंग से बन्हबु कि कतर दी' कह के चोटी बनवा देती है मां,
हां कुछ ऐसी होती है मां...
जब कुछ तारीफ़ करनी हो तो,
'हु चलअ ठीके बा' बस इतना ही कह मुस्कुरा देती है मां,
हां कुछ ऐसी होती है मां...
मन ना भी हो और हरी सब्जी खिलानी हो तो,
'चुपे सबजिया खइबे कि थपर' कह के नापसंद पसंद में बदल देती है मां,
हां कुछ ऐसी होती है मां...
कुछ बात ना सुन के देखो,
'ए जी सुनतनी.... देख ली हेके' कह के पापा और हमको दोनों को देख लेती है मां,
हां कुछ ऐसी होती है मां...
नेहा यादव D/O ऊषा मनोज यादव
गांधीनगर, बलिया
Tags: Ballia News
Related Posts
Post Comments
Latest News
बलिया Cyber पुलिस को मिली सबसे बड़ी उपलब्धि, वापस दिलवाए साइबर ठगी के 18.76 लाख रुपए
11 Dec 2024 17:44:37
बलिया : बलिया पुलिस के साइबर सेल के जवानों ने एक व्यक्ति के खाते से धोखाधड़ी कर निकाले गये 18...
Comments