भारतीय सैनिकों के जज्बे को Purvanchal24 के पाठकों ने कुछ यूं किया सलाम
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आज भारतीय सेना का 73वां स्थापना दिवस है। इस खास दिवस को हर देशवासी गर्व से मना रहा है। इस खास मौके पर purvanchal24 ने अपने प्रिय पाठकों से सेना के जवानों के सम्मान में 'आपकी बात' आमंत्रित किया था। भारतीय सैनिकों के जज्बे को सलाम करते हुए हमारे प्रिय पाठकों ने सेना के प्रति अपनी भावना शब्दों के जरिये कुछ यूं व्यक्त किया है...
भारतीय सेना के लिए जितने भी शब्द कहे जाय, कम पड़ जाएंगे। आज हम भारतवासी जिस आजादी के साथ जी रहे है, उसमें सबसे बड़ा योगदान भारतीय सेना का ही है। अपनी जान की परवाह किए बिना, हमारी जान बचाने के लिए भारतीय सैनिक सीमा पर डटे है। मैं फिर कहूंगी कि भारतीय सेना के लिए हमारे पास पूर्ण शब्द ही नहीं। उनके सम्मान में मेरा सिर हमेशा नतमस्तक रहेगा।
अन्नू सिंह
अन्नू सिंह प्रअ, प्रावि बघेजी, बलिया
हमें गर्व है अपनी भारतीय सेना पर। सेना हर स्थिति और परिस्थिति में अपने पूर्ण जज्बे, निष्ठा, शौर्य और मानवता के साथ देश और देशवासियों की रक्षा करते है। जय हिन्द की सेना।
संगीता वर्मा, जेपी नगर, बलिया
भारतीय जांबाजों के शौर्य, साहस, पराक्रम और बलिदान की गाथा, शब्दों में बयां करना मुश्किल है। सैन्य धर्म, चरित्रगत आचरण के लिए विश्व विख्यात भारतीय सेना का अनुशासन हर एक भारतीय को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। जय हिंद...
मनोज तिवारी, मुम्बई
भारतीय सेना के पराक्रम पर हम सभी को गर्व है। हम जब अपने घरों में चैन से सोते है, तब हमारी सेना सरहद पर देश की रक्षा हेतु खड़ी रहती है। गर्मी हो या ठंडी, या फिर बरसात... हर मौसम में देश की रक्षा को अपने प्राणों की परवाह न करते हुए भारतीय जाबांज हमारी रक्षा करते है। देश के तीनों सेनाओं (थल, जल व वायु) पर हम सभी भारतीयों को गर्व है। भारतीय सैनिकों के जज्बे को सलाम।
अजीत कुमार सिंह प्रअ, प्रावि गांधीनगर, बलिया
भारतीय सेना की जितना भी प्रशंसा की जाय कम है। सेना के बदौलत ही भारतीय अपने घरों में सुरक्षित सो रहे हैं। भारतीय थल सेना के जवान हर परिस्थितियों में देश सेवा को तैयार रहते है। वह अपने घर परिवार से दूर -20 डिग्री सेल्सियस तापमान में सियाचिन की ऊंची पहाड़ियों पर रहकर हमारी सुरक्षा कर रहे है। ऐसे पराकर्मी सेना के जवानों को शत शत नमन है।
वीरेन्द्र सिंह पत्रकार, मनियर-बलिया
जब भी कभी भारत के शक्तिशाली होने की बात होती है तो उसमें सेना की ही शक्ति को ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। भारतीय सैनिक अपने साहस और पराक्रम से हमें सदैव गर्वान्वित होने का अवसर प्रदान करते है। जय हिंद जय हिंद की सेना।
अशोक पांडेय, रतसर-बलिया
भारतीय सेना की शौर्य गाथाएं इतनी ज्यादा हैं कि उनके लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। उसने जहां एक ओर अपने पराक्रम का लोहा मनवाया है, वहीं दूसरी ओर संकट में फंसे लोगों को बचाया भी है। इस प्रकार उसने विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं का बखूबी निर्वाह किया है।
सौरभ कुमार राय शिक्षक, प्रावि करमपुर, बलिया
सरहद पर ढोल ताशों की नहीं, बस गोलियों की तर्ज है।
जहां पर जीत या फिर मौत, यहीं आखिरी मर्ज है।
देश-रक्षा को जिसने मान लिया अपना सबसे बड़ा फर्ज है।
सलाम करो उन जवानों को, जिनके खून का हम पर कर्ज है।
शंकर कुमार रावत 'स्वयंभू', मोहल्ला-बड्ढा, सिकन्दरपुर, बलिया
है नमन उनको की जिनके सामने बौना हिमालय... विश्व कवि डॉ कुमार विश्वास की उक्त पंक्तियां देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे सेना के जवानों की वीरगाथा की अभिव्यक्ति है। सेना के जवानों की कर्तव्य परायणता को शब्दों में व्यक्त करना अत्यंत दुरूह कार्य है। देश के हर नागरिक का यह कर्तव्य बनता है, उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें। उन्हीं की वजह से देश में अमन चैन कायम है।
नन्द लाल शर्मा प्रअ, प्रावि तेतरा, बलिया
यूं तो सेना के त्याग, पराक्रम और महत्ता का वर्णन करना शब्दो के बस की बात नहीं है। एक जवान सरहद की रक्षा के लिये अपने माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी और बच्चों से दूर जाता है, यह जानते हुए भी की वापसी होगी या नहीं। यह किसी सामान्य व्यक्ति के बस की बात नहीं है। एक वाक्य में कहे तो सेना के जवान त्याग के प्रतीक व धरती के भगवान है।
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