अम्बानी अडानी समूह के पेरोल पर मोदी और योगी सरकार : रामगोविंद चौधरी

अम्बानी अडानी समूह के पेरोल पर मोदी और योगी सरकार : रामगोविंद चौधरी


बलिया। नेता प्रतिपक्ष, उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अम्बानी अडानी समूह और इनके जैसे ही कुछ अन्य कारपोरेट समूहों के पेरोल पर है। खेती, बारी और किसानी को इन समूहों के हाथ में पूरी तरह सौंप देने के लिए ही ये तीनों कृषि कानून लाए गए हैं। इसे लेकर किसी को कोई भ्रम नहीं है। इसलिए इन कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा के रूप में हासिल करने तक किसान संघर्ष जारी रहेगा। कहा है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का हर सदस्य अपनी आखिरी सांस तक इस संघर्ष में किसानों के साथ संघर्ष करेगा।
मंगलवार को बांसडीह विधानसभा क्षेत्र के ब्लाक, ग्राम बेरुआरबारी में आयोजित किसान घेरा चौपाल को सम्बोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि किसान संगठनों ने मंगल की भावना के साथ सरकार से बातचीत के लिए मंगलवार 29 दिसम्बर के दिन का चयन किया था। सरकार की नीयत ठीक नहीं है, इसलिए उसने मंगल का दिन स्वीकार करने की जगह बातचीत के लिए बुधवार का निमंत्रण भेजा है। उन्होंने कहा है कि किसानों ने अपने प्रस्ताव में साफ साफ कहा है कि बातचीत का मुद्दा होगा, तीनों कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा। पेरोल पर होने के कारण सरकार ने यह भी लिखने की हिम्मत नहीं जुटायी की कि 30 दिसम्बर बुधवार को बातचीत का मुद्दा तीनों कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देना है।
नेता प्रतिपक्ष, उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि कौन नहीं जानता है कि सरकारों की मिलीभगत से कारपोरेट समूहों ने बैंकों की बड़ी पूंजी को दबा रखा है। सरकारों की कृपा से कुछ बैंकों को लूटकर विदेश में जश्न मना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी को चन्दा दिए जाने के इनके चेक की फोटोकॉपी सोशलमीडिया में नाच रही है। इनकी वजह से भारत की बैंकिग व्यवस्था लड़खड़ा गई है और सरकार इन देश लुटेरों को जेल में डालने की जगह खेती, बारी और किसानी को बचाने के आंदोलन में शामिल लोगों की सूची बना रही है। कहा है कि सरकार अब बैंकों की पूंजी की तरह देश की खेती, बारी और किसानी को भी कारपोरेट समूहों के हाथ में सौंप देने पर आमादा है। ये तीनों कृषि कानून इसी नीयत से लाए गए हैं। इसे लेकर किसी को कोई भ्रम नहीं है। इस अवसर पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष यशपाल सिंह ने कहा कि यह झूठो और जुमलेबाजो की सरकार अब स्पस्ट बहुमत का दुरुपयोग करते करते हिटलर के रास्ते पर चल दी है।और कभी जी. एस. टी., नोटबन्दी, तो अब कृषि कानून के जरिये देश को पुंजिपतियो के हाथों गिरवी रखने का चाल चल रहे है जिसे समाजवादी पार्टी कभी भी सफल नहीं होने देगी।
पार्टी के जिला प्रवक्ता सुशील पाण्डेय 'कान्हजी' ने किसान घेरा चौपाल को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय मे देश और प्रदेश के बेरोजगार हो या छोटे कारोबारी हो या नौकरी पेशा लोग सभी इन दोनों सरकारों से कराह रहे है उसपर ये नया  कृषि कानून देश के सभी वर्गों के माथे पर पसीना पैदा कर दिया है देश के संसाधनों को बेचने वाले लोग आज इस कानून के जरिये देश के रीढ़ को ही पुंजिपतियो को देने पर उतारू है अब समय आ गया है कि इस देश और प्रदेश में लोग अपने दरवाजे पर लिख कर लगा दे कि 'जुमलेबाजो का मेरे दरवाजे पर आना मना है' तब इन लोगों का दिमाग ठिकाने लगेगा। इस अवसर पर श्याम बहादुर सिंह, अशोक यादव, संकल्प सिंह, लाल साहब सिंह, हीरा लाल वर्मा, आशीष प्रताप सिंह, धनञ्जय सिंह विसेन, प्रवीण सिंह, अरविन्द वाल्मीकि, महंगू तिवारी, अरुण यादव, पारस चौधरी, अभय सिंह आदि रहे। अध्यक्षता ब्लाक अध्यक्ष उपेंद्र सिंह व संचालन हरेंद्र सिंह ने किया।

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