विश्व में बजा बलिया का डंका, सनबीम स्कूल बना माइक्रोसाॅफ्ट इनोवेटिव एड्युकेटर एक्सपर्ट

विश्व में बजा बलिया का डंका, सनबीम स्कूल बना माइक्रोसाॅफ्ट इनोवेटिव एड्युकेटर एक्सपर्ट


बलिया। सनबीम स्कूल अगरसंडा के लिए शिक्षक दिवस का दिन दोहरी खुशियों वाला रहा। हमेशा नई-नई उपलब्धियां हासिल कर  जिले के लिए अभेद बेंचमार्क स्थापित करने वाले सनबीम स्कूल बलिया के शिक्षकों ने माइक्रोसाॅफ्ट इनोवेटिव एड्युकेटर एक्सपर्ट 2021-2022 की विषेशज्ञता प्राप्त कर वैश्विक सम्पर्क के मंच पर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। बता दें कि जहां संपूर्ण विश्व महामारी की समस्या से जूझता रहा है, वही पूरा विद्यालय परिवार इस विकट आपदा को भी प्रगति का सुअवसर बनाने में अनवरत जुटा हुआ है। पिछले पांच महीने से बेशक विद्यालय में छात्रों का आवागमन स्थगित रहा है, परन्तु विद्यालय परिवार का हर सदस्य (विद्यार्थी से लेकर प्रबंध समिति तक) ने निरंतर अपने कठोर प्रदर्शन द्वारा विद्यालय को शीर्ष स्थान पर पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। ऐसी ही उपलब्धियों के मार्ग में सनबीम स्कूल ने वैश्विक शिक्षण के क्षेत्र में माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एड्युकेटर एक्सपर्ट (MIEE) के लिए चयनित होकर कर देश ही नहीं, बल्कि विश्व में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 


जिले का यह पहला विद्यालय है, जिसने तकनीकी शिक्षण में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़कर पिछले वर्ष माइक्रोसाॅफ्ट शोकेस स्कूल की वरीयता प्राप्त की थी। इस वर्ष अपनी उपलब्धियों की श्रृंखला में एक और सितारा जड़ते हुए पूरे विश्व में आनलाइन आयोजित की जाने वाली माइक्रोसाॅफ्ट इनोवेटिव एड्युकेटर एक्सपर्ट की परीक्षा पास की है। यही नहीं, पूरे देश से चयनित 551 MIEE में से अकेले सनबीम स्कूल बलिया से 42 शिक्षकों ने चयनित होकर एक बार फिर अपनी योग्यता का लोहा मनवा दिया है।विद्यालय के शिक्षकों का MIEE के लिए चयनित होना, आज शिक्षक दिवस को विद्यालय परिवार के विशेष उपलब्धियों वाला बना दिया।
विद्यालय में सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राधाकृष्णन जी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए जन्मदिन का केक काटा गया। उसके तत्पश्चात शिक्षकों द्वारा विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह एवं प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा को गुलदस्ता एवं उपहार भेंट किया गया। इसके साथ ही माइक्रो साॅफ्ट इनोवेटिव एक्सपर्ट्स संग विद्यालय के सभी शिक्षकों को पुष्प तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय की इस उपलब्धि पर विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष संजय कुमार पांडे,  सचिव अरुण कुमार सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसका संपूर्ण श्रेय विद्यालय के शिक्षकों को दिया। 


विद्यालय के निदेशक डॉ. कुंवर अरुण सिंह ने कहा कि हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि छात्रों की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस महात्रासदी में काफी समय से विद्यालय बंद होने के कारण शिक्षण का कार्य ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा था। विद्यालय द्वारा ऑनलाइन शिक्षण जूम के अतिरिक्त माइक्रोसॉफ्ट टीम एप से भी किया जाता रहा है। श्री सिंह ने कहा कि आज हमारे सभी शिक्षक पूर्णतया माइक्रोसाॅफ्ट प्रशिक्षित हो चुके है। अब माइक्रोसॉफ्ट शोकेस स्कूल की मान्यता प्राप्त करने के साथ-साथ हमारे शिक्षकों ने अपनी मेहनत और काम के प्रति अपनी निष्ठा का परिचय देते हुए अपने स्वयं के प्रयास से यह विषेश योग्यता हासिल कर हमें गौरवान्वित होने का यह महाअवसर प्रदान किया है। अब हमारे शिक्षक और विद्यार्थी वैश्विक मंच पर अपने विचार साझा कर सकेंगे। विद्यार्थियों को आधुनिक उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान की जा सकेगी तथा 21वीं शताब्दी के कौशल प्रदान किए जा सकेंगे। विद्यालय परिवार और शिक्षकों ने शिक्षा की गुणवत्ता को उत्कृष्ट बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। बावजूद इसके आज भी जो शिक्षण कक्षा में छात्रों और शिक्षकों की आमने-सामने की उपस्थिति में संभव है वो शिक्षा के किसी भी माध्यम से संभव नहीं क्योंकि कक्षा में ही शिक्षक एक-एक छात्र को बेहतर तरीके से समझ पाता है। उसका उचित निराकरण कर पाता है, क्योंकि शिक्षक ही अपने छात्रों का सेकेंड पैरेंट्स और विघालय उनका दुसरा परिवार। छात्र अपने शिक्षकों के व्यक्तित्व से प्रभावित होते हैं और धीरे-धीरे उनमें हीरो वर्सिप की भावना विकसित होती जाती है।उन्होंने अपने शिक्षकों को तहेदिल से धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारे शिक्षक ने हमे हमेशा गौरवान्वित होने का अवसर देते आएं हैं, कभी छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से तो कभी स्वंय के।विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती सीमा ने बताया कि इससे पूर्व में भी विद्यालय के सभी शिक्षक माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड शिक्षक घोषित किए गए हैं। माइक्रोसॉफ्ट शोकेस स्कूल बनने के बाद और एक्सपर्ट्स की मान्यता मिलने से विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं विद्यार्थी तकनीकी शिक्षण का लाभ उठा सकेंगे तथा वर्तमान परिवेश के अनुसार अपना सर्वागीण विकास कर सकेंगे।श्रीमती सीमा ने इसका श्रेय विद्यालय के समस्त शिक्षकों के कठिन प्रयास एवं विद्यालय प्रबंधन के सहयोग को दिया।

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